सिरोंज। करोड़ों रूपए की सालाना आमदानी वाली कृषि उपज मंडी में किसानों और व्यापारियों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। कई बार ध्यान दिलाने के बावजूद मंडी समिति यहां की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं कर पा रही। जिससे हर वर्ग परेशान है। किसानों का कहना है कि यहां मूलभूत सुविधाओं की कमी से दिक्कतें होती हैं। पानी, सफाई, विश्राम, सुरक्षा, भोजन, छांव आदि के संबंध ें परेशानियां कायम हैं। यहां होने वाली आवक के लिहाज से शेड की कमी है। जिससे कई कई किसानों को ट्रेक्टर ट्रालियों के नीचे बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना होता है। रात रूकने के लिए किसानों को विश्राम गृह में सोने की जगह नहीं मिलती। जारी है कुप्रथा किसानों का कहना है कि मंडी में पूर्व की तरह अनाज कटोरी की कुप्रथा जारी है। जिसमें दिन भर में ढाई दर्जन से अधिक लोग पुरोहितों का वेश बनाकर किसानों से जबरिया अनाज लेते हैं। इस तरह काफी नुकसान होता है। इसी तरह अनजा की तुलाई जमीन पर पटककर की जाती है। जिसमें काफी अनाज बर्बाद होता है। सफाई नहीं किसानों को पानी पीने के लिए लगे नलों के आसपास सफाई का इंतजाम नहीं रहता। जिससे पानी पीने में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई किसान मजबूरी में ट्रालियां सुनी छोड़कर मंडी के आसपास की होटलों पर पानी पीने जाते हैं। ऐसे में अनाज चोरी का डर रहता है। यातायात जाम कृषि उपज मंडी में आवक बढऩे और आसपास के प्रमुख मार्गों पर भारी वाहनों की आवाजाही के बीच बार-बार यातायात जाम हो रहा है। इसके अलावा शुक्रवार को पुराने बस स्टैंड से मंशापूर्ण मंदिर तक यातायात जाम रहा। इस जाम के कारण सैकड़ों लोग परेशान हुए। काफी देर बाद यातायात बहाल हो पाया। वहीं शोरगुल से दुकानदार भी परेशान रहे। कागजों में दबे रह गए पारित प्रस्तावकिसानों की समस्याओं के समाधान के लिए मंडी समिति की बैठकों में कई प्रस्ताव पारित किए गए, लेकिन उन पर अमल अब तक नहीं किया गया। पिछले माह मंडी समिति ने मंडी बोर्ड में शिकायत कर यहां के सचिव को भी बदलवा दिया, लेकिन हालत जस की तस है। किसानों का कहना है कि मंडी समिति प्रस्तावों पर अमल करेगी तो यहां सुधार होगा। अब तक तो सारे प्रस्ताव सिर्फ कागजी खानापूर्ति नगर आ रही है।