Monday, September 22

धनखड़ ने मांगी बुलेटप्रूफ कार, सरकार ने थमा दी इनोवा, आखिर क्यों ऐसा किया ?

भारत । पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पिछले साल फरवरी में गृह मंत्रालय से नई बुलेटप्रूफ कारों की मांग की थी, लेकिन उनकी यह मांग पूरी नहीं हुई। इसके बजाय, उन्हें एक सामान्य टोयोटा इनोवा कार दी गई। इस खबर ने राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का माहौल गर्म कर दिया है। आखिर सरकार ने ऐसा क्यों किया?  जानकारी के अनुसार, जगदीप धनखड़ ने फरवरी 2024 में गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर नई बुलेटप्रूफ कारों की मांग की थी। यह अनुरोध उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया था, क्योंकि उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के लिए उच्च स्तर की सुरक्षा जरूरी होती है। हालांकि, गृह मंत्रालय ने उनकी इस मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसके बजाय, धनखड़ को एक सामान्य टोयोटा इनोवा कार दी गई, जो बुलेटप्रूफ नहीं थी। सूत्रों के मुताबिक, नवंबर 2024 से धनखड़ इस गैर-बुलेटप्रूफ इनोवा का उपयोग कर रहे थे।

धनखड़ क्यों नहीं दी गई बुलेटप्रूफ कार?

इस मामले के पीछे कई संभावित कारण सामने आ रहे हैं कि बुलेटप्रूफ कारें महंगी होती हैं, और इनके निर्माण, रखरखाव और सुरक्षा उपकरणों पर भारी खर्च आता है। संभव है कि सरकार ने बजट की सीमाओं के कारण इस मांग को प्राथमिकता न दी हो। इस मामले में गृह मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बुलेटप्रूफ कारों की खरीद और आवंटन की प्रक्रिया में समय लग रहा था। इस बीच, धनखड़ को वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर इनोवा उपलब्ध कराई गई। कुछ जानकारों का मानना है कि गृह मंत्रालय ने धनखड़ की सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के बाद यह फैसला लिया हो कि मौजूदा परिस्थितियों में बुलेटप्रूफ कार की तत्काल जरूरत नहीं है। हालांकि, यह कदम कई लोगों को हैरान करने वाला लगा, क्योंकि उपराष्ट्रपति जैसे पदों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल बेहद सख्त होते हैं। जगदीप धनखड़, जो राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं और एक प्रमुख राजनैतिक शख्सियत हैं, ने अपनी सुरक्षा को लेकर यह मांग उठाई थी। उपराष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कई मौकों पर उनकी सक्रियता और राजनैतिक बयानों ने सुर्खियां बटोरी थीं। ऐसे में, उनकी ओर से बुलेटप्रूफ कार की मांग को सुरक्षा के लिहाज से एक तार्किक कदम माना जा रहा था।