Saturday, October 18

‘महिला समृद्धि योजना’ पर घमासान, सीएम रेखा ने तय किए नए मापदंड, AAP बोली- कब मिलेंगे रुपये?

दिल्ली में भाजपा सरकार की अति महत्वाकांक्षी ‘महिला समृद्धि योजना’ के लिए सीएम रेखा गुप्ता की समिति ने नए मापदंड तय कर लिए हैं। इसके साथ ही ‘महिला समृद्धि योजना’ को लेकर दिल्ली में सियासी पारा भी हाई हो गया है। एक ओर जहां रेखा सरकार तीन महीने में इस योजना के मापदंड तय करने के बाद इसे अपनी गुडविल बता रही है। वहीं आम आदमी पार्टी ने पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण पर पलटवार करते हुए इसे रेखा सरकार की विफलता बताया है।

दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद आठ मार्च यानी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ‘महिला समृद्धि योजना’ की पहली किश्त लाभार्थियों के खाते में आ जाएगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। दिल्‍ली सरकार के कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने तक महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल सका है। आम आदमी पार्टी इसी को मुद्दा बनाकर भाजपा पर हमलावर है। दूसरी ओर दिल्ली सरकार का दावा है कि अब मापदंड तय होने के बाद जल्द ही इस योजना के तहत महिलाओं को लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

सीएम रेखा गुप्ता ने बैठक में तय किए मापदंड

दिल्ली में सीएम रेखा गुप्ता ने सरकार बनने के बाद इस योजना के लिए बजट में 5100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। इसके साथ ही इस योजना के नए मापदंड तय करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। गुरुवार को समिति ने सीएम रेखा गुप्ता के साथ बैठक में इस योजना के नए मापदंडों पर चर्चा की। जिसके बाद सीएम रेखा गुप्ता ने ‘महिला समृद्धि योजना’ के नए मापदंडों पर मुहर लगा दी है। इसके तहत इस योजना का लाभ सिर्फ उन महिलाओं को दिया जाएगा। जिनकी उम्र 21 से 60 साल के बीच है और उनकी साला आय 2.5 लाख रुपये से कम है।

31 मई को सीएम रेखा गुप्ता कर सकती हैं घोषणा

दिल्ली चुनाव से पहले महिलाओं को 2,500 रुपए मासिक वित्तीय सहायता देने वाली योजना के तहत मार्च में ही महिलाओं को पहली किश्त मिलनी थी, लेकिन इसके मापदंड तय नहीं हो पाने की वजह से यह संभव नहीं हो। अब माना जा रहा है कि 31 मई को सीएम रेखा गुप्ता इसकी घोषणा कर सकती हैं। जिसमें पात्र महिलाओं के लिए पहली किस्त की तारीख और आवेदन प्रक्रिया शामिल हो सकती है। इस योजना के लिए मापदंड तय करने वाली समिति की अध्यक्षता भी सीएम रेखा गुप्ता ही कर रही थीं। जो दिल्ली की सीएम होने के साथ ही महिला एवं बाल विकास मंत्री भी हैं।

संयुक्त परिवारों को नहीं मिलेगा लाभ

दिल्ली में पिछले दिनों सीएम रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय समिति की बैठक में कानून मंत्री, शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में यह तय किया गया कि लाभार्थी महिला का परिवार एक ही माना जाएगा। जिसमें पति, पत्नी और बच्चे शामिल होंगे। इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि संयुक्त परिवारों में जहां एक से अधिक महिलाएं हैं। वहां केवल एक महिला को ही यह सहायता दी जाएगी। यानी दादी, बहू, बेटी और पोती सभी को अलग-अलग सहायता नहीं दी जाएगी। इसी कारण सरकार ने पहले “परिवार की परिभाषा” तय की है।

परिवार की परिभाषा और पात्रता

सरकारी सूत्रों के अनुसार, एक परिवार की परिभाषा पति, पत्नी और बच्चों के रूप में की जाएगी। उदाहरण के तौर पर यदि माता-पिता अपने विवाहित बेटे या बेटी के साथ रहते हैं तो उस परिवार को इसी परिभाषा के तहत देखा जाएगा। इस योजना में सालाना पारिवारिक आय की अधिकतम सीमा ₹2.5 लाख तय की गई है। इसके अलावा लाभार्थी की उम्र 21 से 60 साल के बीच होनी चाहिए। यानी 60 साल से अधिक उम्र वाले और जो लोग पहले से पेंशन ले रहे हैं। उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा सरकारी कर्मचारी, टैक्स भरने वाले और चार पहिया वाहनों के मालिकों को भी इस योजना से वंचित रखा गया है। यह योजना लागू करने करने के लिए आवासीय प्रमाण जैसे दस्तावेजों की भी जांच अनिवार्य की गई है।

दिल्ली में लगभग 22 लाख महिला‌ओं को मिलेगा लाभ

दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार, इसके लिए अभी फिर बैठक होनी है। जिसमें अंतिम रूप से नियम तय किए जाएंगे। इसके लिए सरकार अलग-अलग विभागों से डाटा भी एकत्र कर रही है। इस योजना से लगभग 20 से 22 लाख महिलाएं लाभान्वित होंगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है। जिससे महिलाएं आवेदन कर सकेंगी। इसके अलावा पात्र महिलाओं को एसएमएस और व्हाट्सएप के जरिए सूचित करने की व्यवस्था भी की जा रही है।