
विश्व के 14 रेगिस्तान में से चार रेगिस्तान हरे भरे हो रहे हैं। इसमें भारत और पाकिस्तान के मध्य स्थित थार मरुस्थल टॉप पर है। दूसरे स्थान पर अरब मरुस्थल है। इजराइल के नेगेव और चीन-मंगोलिया स्थित पूर्वी गोबी मरुस्थल में भी बारिश बढ़ रही है जबकि अफ्रीका का नामीबिया एकमात्र मरुस्थल है, जहां वर्षा की मात्रा में कमी आई है। शेष 9 रेगिस्तान में बरसों बाद भी बारिश के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं आया है। इसमें उत्तरी अमरीका महाद्वीप का मोजेव, सोनोरान, चिहुआहुआन, दक्षिणी अमरीका का अटाकामा, अफ्रीका का कालाहारी, विश्व का सबसे बड़ा सहारा मरुस्थल, ईरान का दस्त ए काविर, चीन का तकलामकन और ऑस्ट्रेलिया का ग्रेट सेंडी शामिल है।
यह रिसर्च भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) गांधीनगर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर विमल मिश्रा व पीएचडी स्कॉलर हीरेन सोलंकी और अमरीका के केलिफोर्निया स्थित नासा से जुड़े बे एरिया एनवायरमेंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट के रामाकृष्णन नेमानी ने किया है।
वर्ष 2001 से लेकर 2023 के दौरान वार्षिक हरियाली 38 प्रतिशत बढ़ी।
इस दौरान बारिश में 64 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
वर्ष 1985 से लेकर 2020 तक थार में शहरीकरण 50 से 800 प्रतिशत तक बढ़ा, कृषि विस्तार 300 प्रतिशत हुआ।
वर्ष 1980 से लेकर 2015 तक थार में कृषि क्षेत्र 74 प्रतिशत व सिंचाई क्षेत्र में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी।
थार में बारिश बढ़ने से शुष्कता सूचकांक कम हुआ है। इससे शहरीकरण, हरियाली, सिंचित और कृषि क्षेत्र बढ़ा है। साथ ही भू जल दोहन बढ़ा है लेकिन तापमान में लगातार बढ़ोतरी होने से थार में इन परिस्थितियों में लम्बे समय तक रहना चुनौतीपूर्ण है।