Saturday, October 18

भारत का वो द्वीप जहां किसी का आना-जाना मना, नियम तोड़ने की एक ही सजा- मौत!

 भारत के अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह का नॉर्थ सेंटिनल द्वीप एक बार फिर चर्चा में है। द्वीप में प्रवेश करने पर पुलिस ने एक अमरीकी नागरिक को गिरफ्तार किया है। 24 वर्षीय मिखाइलो विक्टरोविच पोल्याकोव बिना अनुमति नॉर्थ सेंटिनल द्वीप में चला गया। वह 26 मार्च को पोर्ट ब्लेयर गया और इसके बाद वह कुर्मा डेरा समुद्र तट होते हुए यहां पहुंचा। 31 मार्च को पोल्याकोव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रोटोकॉल के मुताबिक पुलिस ने गिरफ्तारी की सूचना गृह विभाग को भेज दी है, ताकि विदेश मंत्रालय और अमरीकी दूतावास को इसकी सूचना दी जा सके।

उत्तरी सेंटिनल द्वीप बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का एक हिस्सा है, जिसे भारत सरकार ने जनजातीय आरक्षित क्षेत्र घोषित कर रखा है।

सेंटिनली लोग यहां के मूल निवासी हैं। सेंटिनली लोगों को विलुप्तप्राय जनजातीय समूह माना जाता है। इन्हें दुनिया की अंतिम प्री-नियोलिथिक (नवपाषाणकाल का एक चरण, जो लगभग 12,000 से 8,500 साल ईसा पूर्व) जनजाति माना जाता है। ये बाहरी लोगों को अपना शत्रु समझते हैं और हमला कर देते हैं। कई बार जान भी ले लेते हैं। अमरीकी मिशनरी जॉन चाऊ की नवंबर 2018 में उस समय हत्या कर दी गई थी, जब उन्होंने सेंटिनली लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया था। चाऊ कथित तौर पर सेंटिनली लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की कोशिश कर रहा था। 2006 में भी दो भारतीय मछुआरों की हत्या कर दी गई थी, जब उनकी नाव गलती से द्वीप के किनारे पहुंच गई थी।

माना जाता है कि सेंटिनली लोग समूहों में रहते हैं। सेंटिनलीज आदिम जीवन शैली का पालन करते हैं और शिकार के लिए तीर-कमान और भालों का प्रयोग करते हैं। जनजाति की महिलाएं अपनी कमर, गर्दन और सिर के चारों ओर फाइबर की डोरी बांधती हैं। पुरुष भी हार और हेडबैंड पहनते हैं, लेकिन कमर पर मोटी बेल्ट के साथ। उन्हें कभी-कभी उत्तरी सेंटिनल के तट पर देखा जाता है। इनकी कुल आबादी करीब 500 होने का अनुमान है।