
देश का सत्ता पक्ष एनडीए हो या फिर विपक्षी इंडिया ब्लॉक, दोनों ही के सहारे मुसलमानों के समर्थन की उम्मीद में है। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक-2025 पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में रात तक तीखी तकरार देखने को मिली। गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा कि हमने वक्फ से छेड़खानी नहीं की है। वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद के लिए संशोधन किया है। वक्फ बोर्ड को धार्मिक क्रियाकलाप नहीं करना है, बल्कि इसका कार्य प्रशासनिक है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इनको न पिछड़ों की चिंता है न मुसलमानों की। ये वर्षों से जातिवाद और तुष्टीकरण के आधार पर काम करते आए हैं।
टीडीपी और जेडीयू का दबाव का असर
वक्फ संपत्ति विवाद का सर्वे कराने का अधिकार पुराने विधेयक में जिला कलक्टर को दिया गया था, लेकिन टीडीपी और जेडीयू के दबाव में इसे बदलना पड़ा। संशोधित विधेयक में जिला कलक्टर के ऊपर के अधिकारी को यह शक्ति दी गई है। इसके अलावा यह विधेयक पुरानी वक्फ संपत्तियों पर लागू नहीं होगा। इसी तरह विधेयक में वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमियों पर कार्रवाई पर जोर दिया गया है।
कानून में संशोधन क्यों और क्या-क्या बदला
पहले: किसी भी धर्म का व्यक्ति वक्फ को संपत्ति दान कर सकता था।
अब: केवल प्रैक्टिसिंग मुस्लिम (कम से कम पांच साल से) ही अपनी संपत्ति वक्फ को दे सकता हैं, जो 2013 से पहले के प्रावधान को बहाल करता है।
पहले: वक्फ कानून के धारा- 40 के तहत बोर्ड मनमाने ढंग से संपत्ति पर दावा कर सकता था।
अब: यह संशोधिन विधेयक धारा- 40 को हटाता है, जिससे वक्फ बोर्ड की मनमानी पर रोक लगेगी।
पहले: वक्फ की संपत्तियों पर 58 हजार से अधिक अतिक्रमण के मामले चल रहे हैं।अब: केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल वक्फ संपत्तियों को ट्रैक करेगा, जिससे बेहतर पहचान, निगरानी और प्रबंधन सुनिश्चित होगा। वक्फ बोर्डों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।
पहले: वक्फ संपत्तियों का धार्मिक और सामाजिक कल्याण की जरूरतों को पूरा करने का प्रावधान, लेकिन कुप्रबंधन के चलते ऐसा नहीं होता था।अब: ऑडिटिंग और अकाउंटिंग उपायों से वित्तीय कुप्रबंधन पर अंकुश लगेगा। इससे मिलने वाले फंड का इस्तेमाल वंचितों के स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आवास और आजीविका के लिए सहायता प्रदान करने में होगा।
यह लाभ भी होंगे
- स्कूलों और मदरसों का निर्माण व रखरखाव
- महिलाओं की भागीदारी, पारदर्शिता सुनिश्चित
- मुस्लिम लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति
- महिला उद्यमियों के लिए कौशल विकास और माइक्रोफाइनेंस सहायता
- फैशन डिजाइन, स्वास्थ्य सेवा और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण
- उत्तराधिकार विवादों और घरेलू हिंसा मामलों के लिए कानूनी सहायता केंद्रों की स्थापना
- विधवाओं के लिए पेंशन योजनाएं
- कांग्रेस ने बताया संघ परिवार को एजेंडा
- दूसरी ओर कांग्रेस के संगठन महासचिव व सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आज आप मुस्लिम समुदाय पर हमला कर रहे हो, कल आप ईसाई और परसों सिख के खिलाफ होंगे। संघ परिवार का स्पष्ट एजेंडा है कि अल्पसंख्यकों को खत्म कर दो। इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोपहर में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक रखते हुए इसका नाम एकीकृत वक्फ प्रबंधन सशक्तीकरण, दक्षता और विकास (उम्मीद) करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
वक्फ धार्मिक हुआ, वक्फ बोर्ड नहीं : अमित शाह
अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि ये चाहते हैं कि इनके राज में जो मिलीभगत चली, वह चलती रहे। हम तो कह रहे हैं कि ‘वक्फ’ वही कर सकता है जो इस्लामिक प्रैक्टिसिंग वाला होगा। वक्फ धार्मिक हुआ, वक्फ बोर्ड नहीं। चैरिटी कमिश्नर को ट्रस्ट नहीं चलाना है, उसको केवल ये देखरेख करना होता है कि ट्रस्ट सही ढंग से चल रहा है कि नहीं। सारे ट्रस्ट के चैरिटी कमिश्नर अलग-अलग होंगे क्या? इससे तो देश टूट जाएगा। यूपीए की तत्कालीन सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले 2013 में संशोधन किया, उसके चलते आज ये संशोधन लाने की नौबत आई। कांग्रेस सरकार ने दिल्ली लूटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दी। उत्तर रेलवे की जमीन वक्फ को दे दी। हिमाचल में वक्फ की जमीन बताकर मस्जिद बनाने का काम हुआ। उन्होंने तमिलनाडु से कर्नाटक तक के उदाहरण दिए।
खरगे पर आरोपों को कार्यवाही से हटाया
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में वक्फ की जमीनों को लेकर घोटाले हुए हैं। कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमें हमारे नेता पर गर्व है। ठाकुर ने आधारहीन आरोप लगाकर दलित खरगे का अपमान किया है। हंगामे के चलते ठाकुर के आरोपों को कार्यवाही से हटा दिया गया।
रिजिजू और गोगोई में नोकझोंक
विधेयक पेश करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि 2013 में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने संसद भवन को भी वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दिया था। यूपीए सरकार ने इसे डिनोटिफाई भी कर दिया था। अगर देश में मोदी सरकार नहीं होती तो आज जिस जगह हम बैठे हैं, वह भी वक्फ की होती। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि रिजिजू झूठ बोल रहे हैं, उनके अपनी बात का प्रमाण देना चाहिए। आज ये अल्पसंख्यकों के प्रति संवेदना जता रहे हैं, जबकि इनकी डबल इंजन सरकारों ने लोगों को नमाज तक नहीं पढ़ने दिया।