
पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत बलूचिस्तान इन दिनों आंदोलन की आग में झुलस रहा है। बलूच लोगों और पाकिस्तान सरकार के बीच टकराव बढ़ रहा है। इस बीच पाक सेना के इशारे पर पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ता और बलूच आंदोलन का चेहरा बनीं हिरासत में लिया जिसके बाद बलूचिस्तान से लेकर कराची तक प्रदर्शन हो रहे हैं।
100 प्रभावशाली महिलाओं में महरंग भी शामिल
32 साल की महरंग बलूच 2018 से ही बलूचिस्तान में सक्रिय हैं। डॉक्टरी की पढ़ाई के बाद महरंग समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय हो गईं। बलूच अधिकारों के लिए लड़ रही महरंग को 2024 में टाइम मैगजीन ने 100 उभरते नेताओं की सूची में जगह दी। इसी वर्ष बीबीसी ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे पावरफुल महिलाओं की सूची में जगह दी। वह बलूच युवा समिति (Baloch Youth Commitee) की नेता हैं।
पिता की मौत के बाद आवाज उठाई
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनके पिता अब्दुल गफ्फार लैंगोव, जो एक राष्ट्रवादी नेता थे, को 2009 में जबरन गायब कर दिया गया था। तीन साल बाद 2011 में उनका शव लासबेला जिले में मिला था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक महरंग के पिता की हत्या पाकिस्तानी सेना ने करवाई। पिता की मौत के समय महरंग सिर्फ 16 साल की थीं। महरंग के भाई को पाकिस्तानी सेना ने 2017 में अपहरण कर लिया और तीन महीने बाद जब उन्हें छोड़ा गया तो वह मरनासन्न हालत में थे। महरंग ने इसके बाद जबरन उठाकर गायब किए गए लोगों के लिए आवाज उठाई। पाकिस्तानी सेना ने बालाच मोला नाम के शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी जिसके बाद 2023 में महरंग ने आंदोलन में अपनी भागीदारी बहुत ज्यादा बढ़ा ली।
इसलिए चिढ़ी है पाकिस्तानी सेना
वर्ष 2024 में महरंग ने पूरे बलूचिस्तान में घूम-घूमकर लोगों को एकजुट किया। पाकिस्तान सरकार का मानना है कि महरंग ने बलूच लड़ाकों को उकसाया है। हालांकि, महरंग और उनसे जुड़े लोगों का कहना है कि अत्याचार के विरोध में शांति पूर्ण प्रदर्शन गलत नहीं है।
इसलिए बलूच लोगों में भारी गुस्सा
पाकिस्तान के भूमि क्षेत्र का लगभग 44 प्रतिशत हिस्सा बलूचिस्तान का है। यह अफगानिस्तान और ईरान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा भी साझा करता है। इस प्रांत में केवल 5 फीसदी कृषि योग्य जमीन है। बाकी भूमि बंजर है लेकिन प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। यहां तांबा, सोना, कोयला और प्राकृतिक गैस के भंडार है। यहां के लोगों में इस बात की नाराजगी है कि सरकार यहां के संसाधनों से भारी मुनाफा कमाती है लेकिन लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया।
इसलिए चिढ़ी है पाकिस्तानी सेना
वर्ष 2024 में महरंग ने पूरे बलूचिस्तान में घूम-घूमकर लोगों को एकजुट किया। पाकिस्तान सरकार का मानना है कि महरंग ने बलूच लड़ाकों को उकसाया है। हालांकि, महरंग और उनसे जुड़े लोगों का कहना है कि अत्याचार के विरोध में शांति पूर्ण प्रदर्शन गलत नहीं है।
इसलिए बलूच लोगों में भारी गुस्सा
पाकिस्तान के भूमि क्षेत्र का लगभग 44 प्रतिशत हिस्सा बलूचिस्तान का है। यह अफगानिस्तान और ईरान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा भी साझा करता है। इस प्रांत में केवल 5 फीसदी कृषि योग्य जमीन है। बाकी भूमि बंजर है लेकिन प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। यहां तांबा, सोना, कोयला और प्राकृतिक गैस के भंडार है। यहां के लोगों में इस बात की नाराजगी है कि सरकार यहां के संसाधनों से भारी मुनाफा कमाती है लेकिन लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया।