
मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक बार फिर मणिपुर को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया। जयराम रमेश पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है। सीएम बीरेन ने विपक्ष से पूजा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव 1992-93 में अशांति के दौरान पूर्वोत्तर राज्य क्यों नहीं गए। पिछले साल मई से मणिपुर में अशांति ने 180 से ज़्यादा लोगों की जान ले ली है, जब मैती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग और आदिवासी कुकी के इस पर विरोध को लेकर हिंसा भड़क उठी थी। बता दें कि सिंह पहले कांग्रेस में थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के साथ मतभेद के बाद भाजपा में शामिल हो गए।
कांग्रेस ने केंद्र और मणिपुर सरकार पर किया तीखा हमला
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्र पर राज्य की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कटाक्ष किया। कांग्रेस नेता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर क्यों नहीं जा सकते और वहां भी यही बात क्यों नहीं कह सकते? पीएम मोदी ने जानबूझकर 4 मई, 2023 से राज्य का दौरा करने से कतरा रहे है, जबकि वे देश और दुनिया भर में यात्रा कर रहे हैं। मणिपुर के लोग इस उपेक्षा को बिल्कुल नहीं समझ सकते।
बीरेन सिंह ने दिया करार जवाब
कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक एक लंबी पोस्ट शेयर की है। सीएम बीरेन सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि मणिपुर में आज की स्थिति के लिए कांग्रेस खुद जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि आप सभी जानते हैं कि मणिपुर आज उथल-पुथल में है, क्योंकि कांग्रेस ने अतीत में कई पाप किए हैं। जैसे कि मणिपुर में बर्मी शरणार्थियों को बार-बार बसाना और राज्य में म्यांमार स्थित उग्रवादियों के साथ एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर करना, जिसकी अगुआई पी चिदंबरम ने भारत के गृह मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान की थी।
पूर्व पीएम पीवी राव ने अशांति के दौरान क्यों नहीं किया पूर्वोत्तर का दौरा
मुख्यमंत्री ने पूछा कि संघर्ष 1992 में शुरू हुआ और लगभग पांच वर्षों (1992-1997) तक अलग-अलग तीव्रता के साथ जारी रहा। यह अवधि पूर्वोत्तर भारत में सबसे खूनी जातीय संघर्षों में से एक थी, जिसने मणिपुर में नागा और कुकी समुदायों के बीच संबंधों को गहराई से प्रभावित किया। क्या पीवी नरसिम्हा राव, जो 1991 से 1996 तक भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्यरत थे और इस दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे, माफ़ी मांगने के लिए मणिपुर आए थे?
कांग्रेस हर वक्त करती है राजनीति
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि कुकी-पैटे संघर्ष ने राज्य में 350 लोगों की जान ले ली। कुकी-पाइट संघर्ष (1997-1998) के दौरान इंद्र कुमार गुजराल भारत के प्रधानमंत्री थे। क्या उन्होंने मणिपुर का दौरा किया और लोगों से माफ़ी मांगी? उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर में मुख्य मुद्दों को हल करने के लिए प्रयास करने के बजाय, कांग्रेस हर समय इस पर राजनीति क्यों कर रही है?
2024 का साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है : सीएम बीरेन सिंह
सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि 2024 का साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मैं राज्य के लोगों से पिछले 3 मई से लेकर आज तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए खेद व्यक्त करना चाहता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे खेद है। मैं माफी मांगता हूं। लेकिन अब, मुझे उम्मीद है कि पिछले तीन से चार महीनों में शांति की दिशा में प्रगति देखने के बाद, मुझे विश्वास है कि 2025 तक राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।