Tuesday, September 23

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हो रहे हंगामे के बीच राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को उनके पद से हटाने के लिए विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने महासचिव को अविश्वास प्रस्ताव दिया।

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हो रहे हंगामे के बीच उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को उनके पद से हटाने के लिए विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने मंगलवार को राज्यसभा के महासचिव को अविश्वास प्रस्ताव दिया। राज्यसभा के 72 वर्ष के इतिहास में किसी सभापति के खिलाफ पहली बार अविश्वास का प्रस्ताव लाया गया है। लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ अब तक तीन बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है। हालांकि धनखड़ को पद से हटाने के लिए इस प्रस्ताव को राज्यसभा के साथ लोकसभा में पारित कराना होगा। इसकी संभावना बेहद कम नजर आ रही है, क्योंकि दोनों ही सदनों में एनडीए को पूर्ण बहुमत प्राप्त है। इसके अलावा कुछ दल तटस्थ रह सकते हैं।

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। इस दौरान विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए संविधान के आर्टिकल 67-बी के तहत उन्हें पद से हटाने की मांग को लेकर राज्यसभा में प्रस्ताव पेश कर दिया। यह प्रस्ताव कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के नदीम उल हक और सागरिका घोष ने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा। कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा कि राज्य सभा के सभापति के अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीक़े से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण इंडिया ब्लॉक के सभी घटक दलों के पास उनके खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इंडिया ब्लॉक की पार्टियों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा है। विपक्षी पार्टियों को बोलने नहीं दिया जाता।