Tuesday, September 23

भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने फडणवीस के नाम को मंजूरी दे दी और इस प्रस्ताव को शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना और पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी मंजूरी दे दी।

महाराष्ट्र में प्रचंड बहुमत से जीत के बावजूद सहयोगी दलों के साथ बातचीत में ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ के कारण महायुति सरकार के गठन पर अंतिम फैसले में विलंब हो रहा है। भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। एकनाथ शिंदे सीएम पद पर बने रहने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन, उन्हें अजित पवार के साथ डिप्टी सीएम बनाए जाने की संभावना ज्यादा है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सोमवार को फडणवीस के नाम को मंजूरी दे दी और इस प्रस्ताव को शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना और पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी मंजूरी दे दी। भाजपा ने कुछ प्रमुख विभाग देने का वादा कर शिंदे को राजी कर लिया है। हालांकि, शिवसेना के एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा, ‘फडणवीस को सीएम बनाने पर हमसे कोई परामर्श नहीं हुआ है और हमारी पार्टी अभी तक सीएम के लिए किसी नाम पर सहमत नहीं हुई है।’

अकेले 133 सीट जीतने के कारण भाजपा का पलड़ा भारी है और पार्टी अपना मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी में है, लेकिन शिंदे गुट रणनीति के तहत मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक रहा है। शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने सोमवार को महाराष्ट्र में बिहार फॉर्मूले की तरह एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी। उधर, भाजपा एमएलसी प्रवीण दरेकर ने सीएम पद के लिए देवेंद्र फडणवीस को सबसे उपयुक्त बताते हुए पलटवार भी किया। मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर एनसीपी सांसद सुनील तटकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने बहुत बड़ा जनादेश दिया है। आगे के फैसले बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर लिए जाएंगे। अजित पवार ने सतारा में कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर महायुति में चर्चा चल रही है। उन्होंने जीत का श्रेय लाडकी बहिन योजना और गठबंधन की एकजुटतता को दी है। वहीं, एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे ने इसे विकास की जीत करार दिया है।