
खनन माफिया के वाहनों ने सड़कों पर कहर मचा रखा है। बजरी हो या पत्थर, खनन के बाद परिवहन के दौरान इनके वाहनों से छह साल में 24 लोगों की जान चली गई। इनमें से मात्र 6 मामलों में ही मृतक के परिजन को आर्थिक सहायता मिली है। यह आंकड़ा विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में सामने आया है। विधायक यूनुस खान के अतारांकित सवाल के जवाब में गृह विभाग ने बताया कि वर्ष 2019 से 2024 तक खनिज पदार्थ के परिवहन के दौरान सड़क हादसों में 24 लागों की जान गई। इनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। छह प्रकरणों में ही मृतकों के परिजन को सहायता राशि दी गई है। गृह विभाग ने बताया कि कुछ प्रकरणों में अभी तफ्तीश जारी है तथा कुछ प्रकरण न्यायालय मे विचाराधीन हैं।