Friday, September 26

14 प्रतिशत वोटर्स पर नजर, बीजेपी पासवान की दोस्ती का असर

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नईदिल्ली। राजनीति में अपनी प्रासंगिकता तलाश रहे लोक जनशक्ति पार्टी सुप्रीमो रामविलास पासवान और केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए बेकरार बीजेपी के बीच गठबंधन हो गया है। पासवान से गठबंधन के पीछे बीपेजी की नजर देश के कुल वोट में से दलित समाज से आने वाले 17 प्रतिशत वोट और बिहार में दलित और महादलितों की कुल 14.2 फीसदी आबादी पर है। बीजेपी और एलजेपी गठबंधन की घोषणा से पहले बीजेपी के तीन नेता रविशंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन और राजीव प्रताप रूडी रामविलास पासवान के घर पहुंचे। मुलाकात के बाद बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पासवान बिहार के बड़े नेता हैं, हमने मुलाकात के दौरान चाय पी मिठाई खाई। उन्होंने कहा कि बाकी जानकारी थोडी देर के बाद दी जाएगी। थोड़ी देर बाद पासवान इन नेताओं के साथ भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के घर पहुंचे। दोनों की मुलाकात के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोजपा के एनडीए में शामिल होने की घोषणा की गई। इस गठबंधन का बिहार और देश की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा, इस पर नजर बिहार में पासवान जाति की आबादी करीब 4 फीसदी है। बीजेपी एलजेपी गठबंधन के चलते पासवान समुदाय के सबसे बड़े नेता रामविलास और बीजेपी को इस तबके के वोटों का फायदा मिल सकता है। पासवान दलितों के नेता माने जाते हैं। बीजेपी उम्मीद कर रही है राज्य की कुल आबादी के 10 फीसदी हिस्से में मौजूद महादलित वर्ग पर भी पासवान का असर पड़ेगा और दोनों पार्टियों को उसका फायदा होगा।