इंदौर। बेमौसम बारिश ओले और बिजली की गडग़ड़ाहट पिछले तीन दिन से मौसम कुछ इसी तरह का है। मंगलवार रात को और बुधवार सुबह तो शहर के बाहरी इलाकों में ऐसी ओलावृष्टि हुई कि सड़कों पर सफेद चार-सी बिछ गई। मालवा-निमाड़ अंचल में कई जगह ऐसी ही स्थिति रही। इससे फसलों को काफी नुकसान हुआ है। गेहूं-चना व बटला की फसलें ज्यादा प्रभावित हुई हैं। कपास-केले की फसल को भी नुकसान होने की खबर है। इंदौर में कलेक्टर ने सर्वे के आदेश दिए हैं।
भोपाल बना शिमला: भोपाल में शाम को तेज बारिश के साथ एक से दो इंच आकार वाले ओले भी गिरे। शहर में बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 3:96 सेमी बारिश हो चुकी थी। यह मौसम केंद्र में भोपाल के उलब्ध 88 सालों के आंकड़ों में फरवरी के महीने में किसी एक दिन होने वाली अब तक की सबसे ज्यादा बारिश है। इससे पहले 10 फरवरी 1986 को 3.60 सेमी का सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया था।
ग्वालियर-फाल्गुन में सावन-सी बारिश: फाल्गुन में बुधवार को सावन-सी बारिश हुई। शाम चार से पांच बजे तक झमाझम बारिश होते ही शहर की सड़कें लबालब हो गईं। तेज बारिश से लोगों के घरों तक में पानी भर गया। पांच बजे के बाद रिमझिम बारिश होने लगी। रात आठ बजे के बाद फिर से तेज बारिश शुरू हो गई। देर रात रूक-रूककर बारिश होती रही। मौसम विभाग कार्यालय में रात 8:30 बजे तक 69.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
फरवरी में एक दिन में इतनी बारिश 116 सालों बाद हुई है। ऐसी बारिश तो बरसात के सीजन में भी नहीं हुई। हालांकि ओले गिरने से सबसे अधिक नुकसान फसलों को हुआ है। गेहूं व सरसों की फसल खेतों में बिछ गई। फरवरी माह में अब तक 81.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। पिछले वर्ष फरवरी में 54.4 मिलीमीटर बारिश हुई थी।