
बॉम्बे हाईकोर्ट ने साफ किया है कि मुस्लिम पुरुष एक से ज्यादा शादियों का पंजीकरण करवा सकते हैं, क्योंकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बहुविवाह की अनुमति देता है। ऐेसे में पंजीकरण पर रोक नहीं लगाई जा सकती। कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति का कहना था कि वह अपनी तीसरी पत्नी के साथ विवाह पंजीकृत कराना चाहता है। जस्टिस बी.पी. कोलाबावाला और सोमशेखर सुंदरसन की पीठ ने ठाणे नगर निगम के विवाह पंजीकरण कार्यालय को मुस्लिम व्यक्ति की ओर से पिछले साल फरवरी में दायर आवेदन पर निर्णय का निर्देश दिया।
आवेदन में उसने अल्जीरिया की एक महिला के साथ अपने तीसरे विवाह को पंजीकृत करने की मांग की थी। कोर्ट में दायर याचिका में दंपती ने अधिकारियों को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने की मांग की थी। इसमें दावा किया गया कि अधिकारियों ने इस आधार पर विवाह पंजीकृत करने से इनकार कर दिया कि महाराष्ट्र विवाह ब्यूरो विनियमन और विवाह पंजीकरण अधिनियम के तहत विवाह की परिभाषा सिर्फ एक विवाह है।