होम्योपैथी से उपचार कराने के लिए प्रदेश के 565 अस्पतालों में मरीज आना कम या बंद हो गए हैं। कारण है वहां दवा नहीं मिलना। यदि मरीज चिकित्सक को बाजार की दवा लिखने को कहते हैं तो वे नियम विरुद्ध होने का कहकर मना करते हैं। वहां अंतिम बार जून 2023 में दवा की आपूर्ति की थी। खास बात यह है कि प्रदेश में कई जगह नए ब्लॉक चिकित्सालय खोले गए। वहां तो एक बार भी दवा की आपूर्ति नहीं हुई। इस कारण चिकित्सकों को भामाशाहों से दवा मंगवाकर मरीजों को देनी पड़ रही है। जो चिकित्सक ऐसा नहीं कर पा रहे, वहां मरीजों को चिकित्सालयों का कोई लाभ नहीं मिल रहा। होम्योपैथी के प्रदेश में 565 जिला और ब्लॉक अस्पताल हैं। इसमें ए क्लास अस्पताल प्रदेश में जोधपुर, पाली, नवलगढ़, किशनगढ़, अजमेर व कोटा में है। जिला अस्पताल पूरे प्रदेश में केवल एक बालोतरा में स्वीकृत है।
पाली जिले में पिछले साल ब्लॉक स्तर के सात नए होम्योपैथी चिकित्सालय खोले थे। रानी, देसूरी, बाली, रोहट, बगड़ी, मारवाड़ जंशन व ब्लॉक पाली में चिकित्सालय खोले गए। इनमें से अधिकांश उधारी के भवनों में भामाशाहों के भरोसे चल रहे हैं। ऐसा ही हाल प्रदेश में है। बाली का चिकित्सालय बंद हो चुके स्कूल भवन में चल रहा है। इन नए चिकित्सालयों के साथ पुराने एक क्लास चिकित्सालयों तक में सफाई करने के लिए कार्मिक नहीं है।