बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से आईटी नियमों में 2023 के संशोधनों को असंवैधानिक मानते हुए खारिज कर दिया। इन संशोधनों के तहत केंद्र सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने कामकाज के बारे में ‘फर्जी और भ्रामक’ सूचनाओं की पहचान करने के लिए फैक्ट चेक यूनिट स्थापित करने का अधिकार दिया गया था।
नियमों में फर्जी, झूठा और भ्रामक शब्द किसी परिभाषा के अभाव में अस्पष्ट हैं। जनवरी 2024 में जस्टिस गौतम पटेल और डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ के अलग-अलग फैसले के बाद यह मामला टाई-ब्रेकर जज के पास आया था। जस्टिस चंदुरकर ने कहा कि आईटी एक्ट में संशोधन अनुच्छेद 21 का भी उल्लंघन करते हैं। सरकार ने 2023 में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन किया था।