Saturday, November 8

मंकीपॉक्स के उपचार के लिए अब तक कोई विशिष्ट दवा नहीं है। इसके कुछ टीकों पर अध्ययन चल रहा है। एंटीवायरल दवा टेकोविरिमैट का अध्ययन किया जा रहा है। यह दवा मूल रूप से चेचक के उपचार में काम आती है।

देश में एमपॉक्स (मंकी पॉक्स) का संदिग्ध मामला सामने आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एमपॉक्स से प्रभावित देश से लौटे युवा को वायरस के संदिग्ध रोगी के रूप में पहचाना गया। उसे एक अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। मरीज के सैंपलों की जांच की जा रही है। मंत्रालय के मुताबिक एमपॉक्स के अन्य संभावित स्रोतों की पहचान और प्रभाव का आकलन करने के लिए संपर्क ट्रेसिंग जारी है। इसे लेकर सावधानी बरती जा रही है और प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है।

वैज्ञानिकों ने एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के लिए इसके नए स्ट्रेन ‘क्लेड आइबी’ को जिम्मेदार माना है। विशेषज्ञों ने कहा, गंभीर बात है कि वायरस म्यूटेट हो रहा है और नए स्ट्रेन पैदा कर रहा है। यह उन देशों में भी रिपोर्ट किया जा रहा है, जहां अब तक एमपॉक्स का खतरा नहीं था।