Monday, September 22

पाकिस्तान में बड़ा आतंकी हमला, 14 सैनिकों समेत 70 की मौत

एक के बाद एक आतंकी हमलों में पाकिस्तान थर्रा गया। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में प्रांत में एक ही दिन में लगातार कई आतंकी हमलों (Terrorist Attack in Pakistan) में 70 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं। पाकिस्तान की सेना ने बयान जारी करते हुए ये जानकारी दी। ये आतंकी हमले बलूचिस्तान (Balochistan) के अलग-अलग शहरों में हुए जिसमें सैनिकों, पुलिसकर्मियों, आतंकियों और नागरिकों समेत 70 की मौत हो गई है। ये हाईवे पंजाब (Punjab) प्रांत को जोड़ता है। आतंकियों ने लोगों को बसों और कारों में से उतारकर चुन-चुनकर गोलियों से भून दिया। इसमें 23 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 14 सैनिकों और पुलिस के साथ-साथ 21 आतंकवादी भी इस हमले के दौरान हुई मुठभेड़ में मारे गए।

फिर इसके कुछ घंटे बाद बलूचिस्तान के ही मुसाखेल जिले में आतंकियों ने एक काफिले को रोककर लोगों को गोली मार दी और 35 गाड़ियों में आग लगा दी। इसके कुछ मिनट बाद कलात में एक पुलिस चौकी और एक राजमार्ग पर आतंकी हमला हुआ जिसमें 5 पुलिसकर्मी और 5 नागरिकों समेत 10 लोग मारे गए पांच पुलिस और पांच नागरिक मारे गए।

रेलवे पुल पर किया विस्फोट, 6 की मौत

इधर रेलवे अधिकारी मुहम्मद काशिफ ने बताया कि सोमवार को बोलन शहर में एक रेल पुल पर आतंकियों ने विस्फोट कर दिया जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। ये रेल मार्ग क्वेटा को पाकिस्तान के बाकी हिस्सों से जोड़ता है, साथ ही पड़ोसी ईरान के साथ रेल लिंक भी है।

राष्ट्रपति ने की हमलों की निंदा

बलूचिस्तान में हुए ताबड़तोड़ इन आतंकी हमलों की पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और गृह मंत्री मोहसिन नकवी समेत दुनिया भर के देशों ने निंदा की है। पंजाब सरकार की प्रवक्ता उज्मा बुखारी ने हमलों की निंदा करते हुए इसे असहनीय बताया और बलूचिस्तान सरकार से बीएलए आतंकवादियों को खत्म करने का आह्वान किया। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने भी वादा किया कि हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

12 विद्रोही लडकों को उतारा मौत के घाट

वहीं पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया के अनुसार पिछले 24 घंटों में पूरे प्रांत में सुरक्षा बलों ने 12 विद्रोही लड़ाकों को मार गिराया है। बलूचिस्तान में पहले भी इसी तरह के हमलों की जिम्मेदारी बीएलए ने ली है। मई में ग्वादर में सात लोगों की हत्या या अप्रैल में हाईवे से कई लोगों को अगवा कर उनकी हत्या की जिम्मेदारी ली थी। बलूचिस्तान में बीएलए जैसे सशस्त्र समूहों का मकसद अलगाववाद है, जो अक्सर पंजाब से काम करने के लिए आने वाले मजदूरों को निशाना बनाते हैं।