Monday, September 22

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 16 अगस्त 2024 को सुबह 9:17 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से SSLV-D3 रॉकेट की सफल लॉन्चिंग की।

भारत ने शुक्रवार को अपने नए रॉकेट-लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) के साथ दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया। अपनी तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान पर, SSLV-D3 ने लगभग 175.5 किलोग्राम वजनी पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-08 (EOS-08) और चेन्नई स्थित स्टार्ट-अप स्पेस रिक्शा के SR-0 उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया। इस मिशन के बारे में बोलते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा, SSLV की तीसरी विकास उड़ान सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। हम घोषणा कर सकते हैं कि SSLV विकास की प्रक्रिया पूरी हो गई है। हम SSLV प्रौद्योगिकी को उद्योगों को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया में हैं। सोमनाथ ने यह भी कहा कि उपग्रहों को नियोजित कक्षा में स्थापित कर दिया गया है और कोई विचलन नहीं है। ISRO ने 16 अगस्त 2024 को सुबह 9:17 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से SSLV-D3 रॉकेट की सफल लॉन्चिंग की। इस लॉन्च के माध्यम से ISRO ने EOS-08, एक नया पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, और SR-0 DEMOSAT, एक छोटा सैटेलाइट, को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा। ये सेटेलाइट आपदाओं के बारे में अलर्ट देगी। दोनों सैटेलाइट्स को धरती से 475 किमी की ऊंचाई पर एक गोलाकार कक्षा में स्थापित किया गया।

SSLV-D3 की सफलता:

SSLV-D3 (Small Satellite Launch Vehicle) रॉकेट की यह तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान थी। SSLV की पहली और दूसरी उड़ानें 2022 और 2023 में की गई थीं। इस लॉन्च के सफल होने के बाद, SSLV को भविष्य में छोटे उपग्रहों के लिए एक विश्वसनीय और किफायती लॉन्च वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

EOS-08 का प्रक्षेपण:

EOS-08 एक अत्याधुनिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जो धरती की निगरानी और डेटा संग्रह के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह उपग्रह भारत की अंतरिक्ष में निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।