शहडोल। स्थानीय जिला जेल की क्षमता 220 कैदियों के रहने की है, इसके बावजूद भी जहां कैदी बंद है, इसमें 475 पुरूष, 25 महिओं के अलावा 03 बालक भी बंद है, तदाशय की जानकारी जेल अधीक्षक नरेन्द्र प्रताप सिंह तथा जेलर मदन कमलेश द्वारा अनौपचारिक के मुलाकात के दौरान दी है।
कमलेश ने बताया कि करीब 10 कैदी 60 वर्ष के ऊपर हैं, 125 कैदी न्यायालय से दंडित किये जा चुके हैं, बांकी 425 विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में बंद हैं।
37 रूपये भोजन पर व्यय: जले प्रशासन द्वारा बताया गया कि जेल में बंद कैदियों पर प्रति कैदी 37 रूपये के हिसाब से व्यय किया जाता है, इसमें चाय, नाश्ता, दो समय का भोजन पर व्यय होते हैं। लोगों का कहनाहै कि इतनी कम राशि से कैदियों को कितना व किस स्तर का भोजन मिलता होगा, यह विचारणीय प्रश्र है, उसके बाद भी जेल प्रबंधन यह बात मानने को तैयार नहीं है कि कैदियों के स्तरीय भोजन प्रदाय नहीं किया जाता है, उनका साफ शब्दों में मानना है कि जो भोजन हम करते हैं, वहीं कैदियों को भी मिलता है।
नियमित स्वास्थ्य परीक्षण: जेलर श्री कमलेश का कहना है कि शासन के नियमों के मुताबिक कैदियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है, दवा भी नि:शुल्क दी जाती है।
इसी क्रम में इग्रू भोज विश्वविद्यालय पाठयक्रम के तहत जरूरत मंदों की पढ़ाया जाता है। साथ ही राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के तहत 22 कैदियों को शिक्षित करने के प्रयास किये जायेंगे।
योग, पी.टी. भी सिखाते हैं: जेलर श्री कमलेश ने बताया कि जेल में बंद कैदियों की हालत में सुधान के लिए भरसक प्रयास किये जाते हैं, तदानुसार उन्हें योग एवं पी.टी. की ट्रेनिंग भी दी जा रही है, कुल मिलाकर हम यह प्रयास करते हैं, कि जब जेल से बाहर निकले तो उसका स्वास्थ्य बेहतर रहे।
पैसा लगता है: जेल में बंद कैदियों से मुलाकत के लिए प्रतिदिन करीब आधा सैकड़ा परिचित रिश्तेदार आते हैं, जिनसे पैसे मांगे जाते हैं, जो नहीं देता है, उन्हें टरका दिया जाता है। इस संबंध में मुलाकातियों से 100-125 रूपये लिये जाते है। यह बात अलग है कि जब इस तरह की बाते सामने आती हैं तो मुलाकाती साफतौर पर नकार देता है।