तिरंगे में लिपटकर पहुंचे जिले के दो जाबांज जवान, तिरंगा यात्रा रैली निकाली, शहीदों के सम्मान में लगे नारे, पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि, हजारों आंखें हुई नम
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए झुंझुनूं जिले के दो जाबांज जवान एक साथ तिरंगे में लिपटकर अपने गांव पहुंचे तो लोगों की आंखों से आंसू झरझर बहने लगे। साथ ही उनका सीना गर्व से चौड़ा भी हुआ। दोनों की पार्थिव देह को तिरंगा रैली के साथ उनके गांव ले जाया गया। बाद में शहीद अजय सिंह नरूका का गांव भैंसावता कलां में और शहीद बिजेन्द्र सिंह का गांव डूमोली कलां में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। दोनों एक साथ वर्ष 2018 में सेना में भर्ती हुए थे और साथ ही तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंचे।
तीन साल के मासूम बेटे ने दी मुखाग्नि
डूमोली कलां में शहीद बिजेन्द्र सिंह के परिवार वालों को मंगलवार तक कोई जानकारी नहीं दी गई थी। बुधवार सुबह बिजेंद्र के पिता रामजीलाल घर के पास स्थित खेत में चले गए। उसी दौरान घर के बाहर टेंट लगाता देखा तो वह एकदम से कुछ समझ ही नहीं पाए। तब बिजेन्द्र के भाई दशरथ सिंह पिता के पास गए और उनसे लिपटकर रो पड़े। फिर भी पिता खुद को संभालते हुए बोले मुझे बेटे पर गर्व है। उसने उसने अपना फर्ज निभाया है, वह देश के लिए लड़ा है। मां अपने बेटे के शव को दुलारती रही। बिजेन्द्र सिंह को उनके तीन साल के मासूम बेटे विहान ने मुखाग्नि दी।