जुलाई तक रिटर्न नहीं भरने पर जुर्माना समेत कई तरह का नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि, अगर आप तुरंत आईटीआर भर देते हैं तो जल्द रिफंड मिलने समेत 5 फायदे होंगे।
आकलन वर्ष 2024-25 के लिए जिन टैक्सपेयर्स के खातों का ऑडिट नहीं होना है, उनके लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की डेडलाइन 31 जुलाई है। इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट के मुताबिक, अब तक 1.38 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर आइटीआर भर चुके हैं। 31 जुलाई तक रिटर्न नहीं भरने पर जुर्माना समेत कई तरह का नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि, अगर आप तुरंत आईटीआर भर देते हैं तो जल्द रिफंड मिलने समेत 5 फायदे होंगे।
दस्तावेज जुटाने को मिलेगा समय, कम होंगी गलतियां
समय से पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने से आपको सभी जरूरी दस्तावेज और जानकारी एकत्र करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। इससे आपके आयकर रिटर्न में सटीकता सुनिश्चित होगी और गलतियां होने की आशंका कम रहती है। इन जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, फॉर्म-16, सैलरी स्लिप, बैंक या डाकघर से मिलने वाला ब्याज प्रमाणपत्र, कर बचत निवेश प्रमाण और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम रसीदें आदि शामिल हैं।
कमियां सुधारने और सत्यापन में आसानी
रिटर्न दाखिल करना प्रक्रिया का सिर्फ आधा हिस्सा है। इसके बाद आईटीआर को वेरिफाई भी करना पड़ता है। मौजूदा टैक्स कानून के मुताबिक, आपको आईटीआर दाखिल करने के 30 दिन के भीतर इसे सत्यापित करना होता है। जल्द रिटर्न भरने से इसे सत्यापित करने और कोई गलती होने पर उसे सुधारने का पर्याप्त समय मिल जाता है।
गलती हुई तो क्या करें?
अगर किसी टैक्सपेयर को रिटर्न दाखिल करने के बाद पता चलता है कि उसने आईटीआर फाइल करते वक्त कोई गलती कर दी है या गलत जानकारी दी है, तो वह संशोधित आईटीआर फाइल करके अपनी इस भूल को सुधार सकता है। रिटर्न भरने की समयसीमा बीतने से पहले आप जितनी बार चाहें, उतनी बार रिटर्न को रिवाइज कर सकते हैं।
नहीं भरना पड़ेगा विलंब शुल्क
31 जुलाई से पहले रिटर्न भरने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। हालांकि, इसके बाद और 31 दिसंबर से पहले रिटर्न भरने पर विलंब शुल्क भरना पड़ सकता है। अगर सालाना कमाई 5 लाख रुपए से ज्यादा है तो 5,000 रुपए तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। जुर्माने की राशि बढक़र 10,000 रुपए तक पहुंच सकती है। हालांकि, सालाना आय 5 लाख रुपए से कम होने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।