Friday, November 7

पीपीएफ समेत 12 छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में होगी बढ़ोतरी!

वित्त मंत्रालय 30 जून तक सितंबर तिमाही के लिए ब्याज दरों की समीक्षा करेगा। इस समीक्षा में छोटी बचत योजनाओं में बड़ा लाभ देने का फैसला हो सकता है। केंद्र सरकार जल्द ही छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकती है। इस संबंध में वित्त मंत्रालय 30 जून तक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए ब्याज दरों की समीक्षा करेगा, जिसमें दरें बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। सरकार ने पिछली तिमाही यानी अप्रेल-जून के लिए ब्याज दरों को यथावत रखा था।

सात तिमाहियों में यह पहली बार हुआ जब सरकार ने इन छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की। माना जा रहा है कि इस बार छोटे निवेशकों को राहत दी जा सकती है। वर्तमान में सरकार डाकघर बचत, पीपीएफ, राष्ट्रीय बचत पत्र समेत 12 तरह की छोटी बचत योजनाएं चला रही है। सरकार हर तीन माह में इन योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करने के बाद दरों को संशोधित करती है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) दरों में पिछले तीन वर्षों से कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसमें आखिरी बार अप्रेल-जून 2020 में बदला गया था, जब इसे 7.9त्न से घटाकर 7.1त्न कर दिया गया था। कोरोना काल में सरकार ने कई बचत योजनाओं की ब्याज दरों में संशोधन करके उन्हें घटा दिया था। इस बीच ब्याज दरों में कई संशोधन हुए लेकिन पीपीएफ में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार यहां भी कुछ राहत दे सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार पीपीएफ समेत सभी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें सरकार के लिए संवेदनशील राजनीतिक मुद्दे हैं। लाखों छोटे बचतकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए दरों में वृद्धि करने का दबाव है।