अब हर बस संचालक को परिवहन विभाग द्वारा तय की गई गाइड लाइन के अनुसार ही बसों का संचालन करना होगा। गाइड लाइन का पालन नहीं करने पर परमिट निरस्त कर दिया जाएगा। पन्ना में हुए भीषण हादसे के बाद जिला परिवहन विभाग ने बसों में सुरक्षा इंतजामों की सुध लेना शुरू कर दिया है।
शुक्रवार को डीटीओ एसके मालवीय ने तीन स्थानों पर बसों की चैकिंग के लिए अभियान चलाया। बस स्टैंड, कोतवाली थाने के सामने और सागर रोड पर बसों की जांच पड़ताल की गई। इस दौरान करीब 40 बसों की जांच पड़ताल की गई। चार बसों में खामियां मिलने पर उनके फिटनेस प्रमाण पत्र रद्द कर उन्हें थाने में खड़ा करवा दिया गया, जबकि 5 बसों के आॅपरेटरों पर 2-2 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर वसूल किया गया है। बस आॅपरेटरों को तीन दिन के भीतर जरूरी बदलाव करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। तीन दिन बाद सोमवार से फिर वाहनों की जांच की जाएगी। जांच में जिन वाहनों में परिवहन विभाग के नियमों के तहत बदलाव नहीं पाए जाएंगे, उन वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र निरस्त कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही ऐसे वाहनों को जब्त कर थानों में खड़ा करवा दिया जाएगा। इस सख्त हिदायत से बस आॅपरेटरों में हड़कंप मचा हुआ है। बस आॅपरेटरों ने नियमों का पालन करने का आश्वासन विभाग को दिया है। जिला परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए परमिट के आधार पर जिले भर में 150 बसों का संचालन हो रहा है, जबकि अन्य जिलों की करीब 500 बसों का आना-जाना भी जिले की सीमाओं में होता है। इन सभी बसों का सत्यापन करने के लिए जिला परिवहन विभाग द्वारा अभियान शुरू किया गया है। जिले की बसों के साथ ही अन्य जिलों से आने वाली बसों की खामियों की पड़ताल की जाएगी।
सख्ती से कराएंगे नियमों का पालन
शुक्रवार को जिला परिवहन कार्यालय में बस आॅपरेटरों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में डीटीओ एसके मालवीय ने आॅपरेटरों को शासन के निमयों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जो नियम तय किए गए हैं, उनका पालन तो करना ही होगा। श्री मालवीय ने हिदायत दी है कि बसों के पीछे वाली लोहे की जाली को तत्काल हटा लें, ताकि किसी भी हादसे के वक्त यात्री आगे या पीछे के कांच को फोड़कर बाहर आसानी से निकल सकें। यही कारण है कि अब परिवहन विभाग द्वारा बस में इमरजेंसी विंडो के साथ पीछे वाले हिस्से के कांच के बाहर लगी लोहे की जाली को हटाने का अभियान चलाएगा। इसके पीछे क्लीनर को बस की छत पर चढ़ने के लिए केवल एक सीढ़ी ही रहेगी।
फिटनेस की जांच होगी
बसों में सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से इमरजेंसी डोर एवं बस के पीछे लगी लोहे की जाली को हटाया जाएगा, ताकि किसी हादसे के समय आगे व पीछे के कांच को फोड़कर यात्री बाहर निकल सकें। इस दौरान फिटनेस की जांच प्राथमिकता से की जाएगी। जो भी बस संचालक नियमों की अनदेखी करेगा, उसका परमिट रद्द कर दिया जाएगा। एसके मालवीय, डीटीओ रायसेन
बस स्टैंड पर बसों की फिटनेस चैक करते आरटीओ एसके मालवीय।