अगरतला। भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अपने मिशन 272 के तहत उत्तर पूर्व के दौरे पर ताबड़तोड़ तीन रैलियां एक दिन में कर न सिर्फ कांग्रेस को कुछ खरी बातें सुनाई बल्कि पहली बार चीन और पाकिस्तान से जुड़ी विदेश नीति के तत्वों पर अपनी सोच समझ भी सामने रखी। मोदी ने सबसे पहले अरूणाचल के पीसीघाट में फिर असम के सिलचर और अंत में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में रैलियों को संबोधित किया।
पाक में जारी हो सकता है अलर्ट जानकारों के अनुसार मोदी के इस बयान के बाद से पाकिस्तान की सेना और शासन शायद पहले से ज्यादा अलर्ट हो जाए और आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर अधिक कूटनीतिक संवेनशीलता बरतने लगे। इस बात की भी संभावना है कि मोदी जम्मू कश्मीर और पंजाब की रैलियों में पाक पर और तीखे प्रहार कर सकते हैं। पीसीघाट में रैली को संबोधित करते समय नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत अरूणाचल प्रदेश को भारत से नहीं छीन सकती है। चीन बराबर अरूणाचल प्रदेश पर अपनी दावेदारी जताता रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि अब दुनिया में कहीं भी विस्तारवादी राजनीति नहीं होती है, इसलिए चीन को भी अपनी विस्तारवादी मानसिकता को छोडऩी होगी। प्रदेश में सरकार चला रही कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने 2012 में हुए मुख्यमंत्रियों के एक सम्मेलन का हवाला दिया। मोदी ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश के कांग्रेस मुख्यमंत्री ने उस सम्मेलन में केंद्र की कांग्रेस सरकार पर ही आरोप लगाए थे। उन्होंने लोगों से दिल्ली में एक ऐसी सरकार बनाने की अपील की जो कि अरूणाचल प्रदेश के लोगों की आवाज सुने। खास बात ये भी है कि इस रैली में अरूणाचल के पूर्व सीएम गेगांग अपांग विधिवत रूप से भाजपा में शामिल हो गए। मोदी के इस बयान के गहरे निहितार्थ हैं। वह एक तीर से कई निशाने लगाना चाहते हैं।