Saturday, October 4

लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस में फिर आपसी कलह, दो दिग्गज नेताओं ने आलाकमान को दिखाई आंख

जयपुर। लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में एक बार फिर आपसी कलह खुलकर सामने आई है। कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं ने आलाकमान को आंख दिखाते हुए इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह दिया। कांग्रेस से बगावत कर सिवाना से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सुनील परिहार और शिव से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले फतेह खान की कांग्रेस में घर वापसी से मानवेंद्र सिंह और अमीन खान काफी नाराज है। पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह और कांग्रेस के कद्दावर नेता अमीन खान ने अपनी ही पार्टी पर तंज कसते हुए नसीहत तक दे डाली है। अब इन दोनों नेताओं के ट्वीट से राजस्थान में सियासत गरमाई हुई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि ये दोनों नेता लोकसभा चुनाव से पहले जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकते है।

दरअसल, राजस्थान में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से बगावत कर सिवाना से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सुनील परिहार और शिव से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले फतेह खान की कांग्रेस में घर वापसी हुई। जिस पर पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह और अमीन खान ने सवाल खड़े किए हैं। साथ ही तंज कसते हुए कहा कि निष्कासन के बाद 6 वर्ष की अवधि बड़ी जल्दी पूरी हो गई और तीन महीने के अंदर ही इन नेताओं की घर वापसी हो गई।

परिहार ने मानवेंद्र के खिलाफ लड़ा था चुनाव

मानवेंद्र सिंह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए अपने नाराजगी जाहिर की और लिखा कि निष्कासन के बाद 6 वर्ष की अवधि काफी जल्दी पूरी हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी माने जाने वाले सुनील परिहार ने सिवाना सीट पर मानवेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ा था। त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा के उम्मीदवार हमीर सिंह भायल जीत गए थे। हालांकि तब पार्टी ने सुनील परिहार को 6 वर्ष की अवधि के लिए निष्कासित कर दिया था, लेकिन अब लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनका निष्कासन रद्द कर दिया गया है।

अमीन खान ने फतेह खान की घर वापसी पर उठाए सवाल

इधर, शिव से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले फतेह खान की घर वापसी पर कांग्रेस के कद्दावर नेता अमीन खान ने नाराजगी जाहिर की है। साथ ही उन्होंने सोशल साइट एक्स पर एक पोस्ट करते हुए अपनी पीड़ा बयां की। अमीन खान ने लिखा कि विधानसभा चुनाव में जिन लोगों ने कांग्रेस से बगावत की, उनको पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। लेकिन, तीन महीने के भीतर ही उनकी घर वापसी हो गई। पार्टी के इस फैसले से कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि टिकट वितरण में भी मुस्लिम कौम को नजर अंदाज किया जा रहा है।