Saturday, September 27

सुषमा जी के भरोसेमंदों पर, बासौदा को नहीं है? भरोसा

susma.jpg copyगंजबासौदा। भाजपा की विधानसभा चुनाव में करारी हार के चलते लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भाजपा बड़े फूक-फूक कर कदम रख रही है। पर सुषमा जी की वर्तमान भरोसेमंद वाली टीम पर गंजबासौदा के लोगों को भरोसा नहीं है। तभी तो विधानसभा चुनाव में भाजपा का गढ़ कहलाने वाले गंजबासौदा में कांग्रेस का परचम लहरा गया। एक ओर जहां शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र मोदी का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है वहीं सुषमा जी की कार्यप्रणाली ने बासौदा के लोगों को निराश किया है या यह कहें की सुषमा जी बासौदा के लोगों के दु:ख को समझ नहीं पाईं। वैसे भी लोकसभा की यह सीट के बारे में यह कहा जाता है कि यहां तो किसी को भी खड़ा कर दो पर वह जीत जाएगा। पर इस बार यह दांव उलटा पड़ सकता है हम यदि विदिशा की बात करें तो विदिशा और गंजबासौदा की स्थिति विधानसभा चुनाव में सभी ने देख ली है। रेल कारखाने को लेकर हुई घोषणा सिर्फ घोषणा ही रह गई इसी बीच विदिशा और रायसेन के बीच में कारखाने को खोले जाने को लेकर भ्रम पैदा हो गया। इससे दोनों ही जगह के लोगों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। बासौदा में विगत लम्बे समय से ट्रेनों के स्टापेज को लेकर मांग चली आ रही थी। पर सुषमा जी के नेता प्रतिपक्ष होने के बावजूद भी बासौदा को ट्रेन न मिल सकी जबकि कांग्रेस के पहली बार जीते एक विधायक ने बासौदा को ट्रेनों की सौगात देकर विकास के अपने मंसूबे स्पष्ट कर दिए। सुषमा जी का कद भारतीय राजनीति में बहुत बड़ा है पर न जाने गंजबासौदा आते ही उनका वह कद छोटा हो जाता है। ऐसा किनके प्रयासों से होता है यह तो समझ से परे है पर इतना जरूर है कि जिन पर उन्हें भरोसा है उन पर बासौदा के लोगों को भरोसा नहीं है।