Tuesday, September 23

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू से उनके ही देश के नेता प्रतिपक्ष ने की डिमांड, पीएम मोदी और भारतीयों से मांगे माफी

भारत (India) और मालदीव (Maldives) के बीच चल रहा विवाद अभी भी थमा नहीं है। भारत के पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लक्षद्वीप (Lakshadweep) दौरे के दौरान लक्षद्वीप का प्रचार करने पर मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारतीयों के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) ने भी इस मामले पर कुछ नहीं कहा था। यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि मुइज्जू लंबे साम्य से भारत विरोधी भी रहे हैं। ऐसे में सिर्फ भारतीयों ने ही नहीं, मालदीव के भी कई लोगों ने अपने ही देश की सरकार की खिलाफत शुरू कर दी। विरोधी पार्टियाँ भी सरकार के खिलाफ हो गई हैं और मुइज्जू की राष्ट्रपति की कुर्सी भी खतरे में है। इसी बीच मालदीव के नेता प्रतिपक्ष ने मुइज्जू से एक डिमांड की है।

कौन हैं मालदीव के नेता प्रतिपक्ष?
मालदीव के नेता प्रतिपक्ष का नाम कासिम इब्राहिम (Qasim Ibrahim) है। कासिम मालदीव जम्हूरी पार्टी (Maldives Jumhooree Party) के नेता हैं और साथ ही देश के सबसे अमीर व्यक्ति भी।
क्या है इब्राहिम की डिमांड?
मालदीव के नेता प्रतिपक्ष इब्राहिम ने हाल ही में देश के राष्ट्रपति मुइज्जू से डिमांड की है कि वह भारत के पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और भारत के लोगों से माफी मांगे।

पडोसी देशों के बारे में संबंधों को बिगाड़ने वाली बात नहीं करनी चाहिए
इब्राहिम ने आगे कहा, “किसी भी देश, खासकर पड़ोसी देश के बारे में हमें ऐसी बात नहीं करनी चाहिए जिससे दोनों देशों के संबंधों पर असर पड़े। हमारे देश के प्रति हमारा दायित्व है जिस पर निश्चित रूप से विचार किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति सोलिह ने इस दायित्व पर विचार किया था और ‘इंडिया आउट’ अभियान पर बैन लगाने वाला एक राष्ट्रपति आदेश जारी किया था। अब यामीन सवाल कर रहे हैं कि इंडिया आउट अभियान में उनके साथ भाग लेने वाले मुइज्जू ने राष्ट्रपति के फैसले को रद्द क्यों नहीं किया है।”

चीन दौरे के बाद दिए बयान के लिए माफ़ी मांगना ज़रूरी
इब्राहिम ने मुइज्जू के चीन दौरे के बाद दिए बयान पर पीएम मोदी, भारत सरकार और भारत के लोगों से माफी मांगने के लिए कहा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन से वापस मालदीव आने के बाद मुइज्जू ने भारत पर निशाना साधते हुए बयान दिया था, “हम एक छोटा देश हो सकते हैं, लेकिन इससे आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।”