Saturday, September 27

आम जनता के लिए तीन दिन खुला रहेगा राजभवन, भीतर है यूरोपियन आर्किटेक्ट का कमाल

क्या आप कभी राजभवन गए हैं। राजभवन की वास्तुकला, अंदर की सजावट और ठाठ-बाट देखी है। यदि नहीं तो आज से 27 जनवरी तक आपके लिए मौका है। राजभवन घूमिए और राजभवन की साज-सज्जा के साथ ही विकसित भारत की गाथा भी देखिए। इसकी अनुमति खुद राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने दी है। 25 से 27 जनवरी तक राजभवन दोपहर बाद 2 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहेगा। जबकि 26 जनवरी को सुबह 11 बजे से 2 बजे तक आमजन राजभवन जा सकेंगे।

देखिए विकसित भारत की गाथा

राजभवन में आप देख सकते हैं विकसित भारत संकल्प यात्रा पर आधारित प्रदर्शनी, हमारा संकल्प विकसित भारत की परिकल्पना, मप्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर चित्र प्रदर्शनी इसके अलावा कठपुतली शो भी देख सकेंगे। देश की उपलष्ट्विधयों के थ्री-डी सेल्फी बूथ पर सेल्फी ले सकेंगे।

प्रदेश में एक नहीं, दो राजभवन

मप्र में एक नहीं बल्कि दो राजभवन हैं। एक राजधानी भोपाल में,जबकि दूसरा राजभवन प्रदेश हिल स्टेशन पचमढ़ी में है। पचमढ़ी में राज्यपाल समय-समय पर रहने के लिए जाते हैं।

32 एकड़ में निर्माण

राजधानी भोपाल के शहर के बीचो-बीच करीब 32 एकड़ में बना राजभवन अद्भुत निर्माण का नमूना है। लाल कोठी के नाम से मशहूर इस इमारत का निर्माण नवाब शाहजहां बेगम ने 1880 में ब्रिटिश अफसरों के ठहरने के लिए कराया था। राज्यपाल भवन में राज्यपाल के अलावा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के भी कक्ष हैं। जब भी कभी जरूरत पड़ती है यह यहां ठहर सकते हैं। प्रदेश में एक नहीं, दो राजभवन मप्र में एक नहीं बल्कि दो राजभवन हैं। एक राजधानी भोपाल में,जबकि दूसरा राजभवन प्रदेश हिल स्टेशन पचमढ़ी में है। पचमढ़ी में राज्यपाल समय-समय पर रहने के लिए जाते हैं।

धनवंतरी औषधीय पार्क

राजभवन परिसर में धनवंतरी औषधीय पार्क में विभिन्न औषधीय पौधे लगे हैं। गार्डन में विभिन्न गुलाबों की किस्म के पौधे हैं।

यूरोप के आर्किटेक्ट की डिजाइन

इस लाल कोठी को यूरोप के आर्किटेक्ट ने डिजाइन किया था। 15 हजार 423 स्‰वायर फीट में बनी भोपाल की यह पहली कोठी थी। जिसकी छत पर चाइना ‰ले कबेलू का उपयोग किया गया था। लाल कोठी नाम इसलिए दिया गया।

आलीशान इंटीरियर

राज्यपाल भवन की खूबसूरती मनमोहक है। अंग्रेजों और नवाबों के समय से ही इसका इंटीरियर आलीशान और शाही है। अंदर से यह महल सरीखा दिखता है।