Friday, September 26

मोहन यादव ने बताया कैसे बने मुख्यमंत्री, शिवराज के लिए भी कही यह बात

कांग्रेस ने अंग्रेजों की तरह सरकार चलाई, हमारी संस्कृति को दरकिनार किया इसीलिए उनके अतेपते नहीं हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूछा कि जनसंघ और भाजपा नहीं होती तो क्या राम मंदिर बन पाता, क्या धारा 370 हटती।

वे बुधवार को भाजपा संभागीय कार्यालय में अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, भाजपा में लोकतंत्र जिंदा है इसका प्रमाण है कि साधारण कार्यकर्ता सीएम और पीएम बन जाता है। कार्यकर्ताओं की ताकत से ही मैं मुख्यमंत्री बना हूं। डॉ. यादव ने कहा कि आज देश प्रगति ओर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है वह पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व से ही संभव हो पाया है।

शासन पर प्रशासन को हावी नहीं होने देंगे

सीएम ने कहा कि उनकी सरकार में शासन पर प्रशासन हावी नहीं होगा। एक ड्राइवर को औकात बताने वाले कलेक्टर को बता दिया तेरी औकात क्या है। मैं ऐसे कार्रवाई करने से पहले अधिकारियों से पूछता हूं कि सही किया या नहीं। जब वे कहते हैं गलत किया तो कार्रवाई करता हूं।

भाजपा में लोकतंत्र जीवित

सीएम बोले कि भाजपा में लोकतंत्र है। यहीं संभव है कि 18 साल मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज सिंह ने ही उनका नाम सीएम के लिए प्रस्तावित किया।

सिंहस्थ को लेकर क्या बोले सीएम

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सिंहस्थ 2028 को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। सिंहस्थ में फिलहाल चार साल बाकी हैं, लेकिन प्लानिंग अभी से शुरू हो गई है। मुख्यंत्री ने कहा है कि हमने महाकाल की नगरी उज्‍जैन में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्‍न प्रकार के निर्माण कार्यों का लक्ष्‍य बनाया है, जिसके अंतर्गत कुछ कार्य पूर्ण हो गए हैं एवं कुछ कार्यों का निर्माण अभी जारी है। आगामी सिंहस्‍थ को लेकर भी हम नया प्‍लान तैयार कर रहे हैं। साथ हम यह भी कोशिश कर रहे हैं कि उज्‍जैन में हवाई यातायात की व्‍यवस्‍था की जाए, ताकि उज्‍जैन में पर्यटकों का आवागमन सुगम हो सके। मैं अपनी ओर से सभी मध्‍यप्रदेशवासियों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्‍व में डबल इंजन की सरकार प्रदेश के सभी मोर्चों पर लगातार कार्य कर रही है।
क्षिप्रा की होगी सफाईइससे पहले 14 जनवरी को सीएम मोहन यादव ने उज्जैन दौरे के वक्त कहा था कि वर्ष 2028 में उज्जैन कुंभ मेले में लगभग 12 करोड़ लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है। इसके मद्देनजर क्षिप्रा नदी की सफाई और अपशिष्ट जल के प्रवाह को रोकने के लिए स्टाप डैम के निर्माण जैसे विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।