रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से दो दिन पहले उमा भारती अयोध्या पहुंच गई हैं। अयोध्या पहुंचते ही उनकी तबीयत बिगड़ गई है। दवा खाने से भी उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा है। कड़ाके की ठंड के कारण उमा भारती बुखार से पीड़ित हैं। गौरतलब है कि उमा भारती बाबरी विध्वंस कांड में भी शामिल थीं। और जब रामलला का मंदिर बनकर तैयार है तो उमा भारती भी काफी उत्साहित हैं।
अयोध्या पहुंचते ही उमा भारती की तबीयत बिगड़ गई हैं। वे रामलला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंची हैं। उमा ने शनिवार को सुबह ट्वीट करके लिखा है कि भोपाल से 17 तारीख को चली और 18 जनवरी को सुबह जैसे ही लखनऊ में उतरी, उन्हें जोर से बुखार आ गया। लखनऊ काफी ठंडा है, इसलिए 18 से लेकर 19 की शाम तक लखनऊ में ही रही, किसी से मिली भी नहीं। उमा ने आगे लिखा है कि फिर मन नहीं मानता था इसीलिए इस स्थिति में अयोध्या आ गई। यहां बहुत ठंड है, इसीलिए बुखार की स्थिति में भी दवाई खाने से परिवर्तन नहीं हो रहा, ठीक होने की स्थिति तक में किसी से मुलाकात नहीं कर सकती। सभी लोग मुझे क्षमा करें।
रामभक्ति के आनंद में डूबे हैं भक्त
उमा ने कहा कि ऐसी कड़ाके की ठंड में भी असंख्य महान आत्माएं, साधु संत, नर नारी अयोध्या में विचरण कर रहे हैं, सरकार की तरफ से व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं रखी गई है लेकिन लोग तो राम भक्ति के आनंद में डूबे हुए हैं। सब तरफ से सीताराम सीताराम या राम धुन ही सुनाई दे रही है। लगातार 500 साल तक चले किसी अभियान का ऐसा अद्भुत, गौरवपूर्ण एवं आनंदपूर्ण समारोह सृष्टि में कभी नहीं हुआ होगा। इन 500 सालों में शुरू से अभी तक जिनका भी योगदान रहा उनका भूरी-भूरी नमन।
भोपाल में क्यों दी अंतिम विदाई?
इससे पहले उमा भारती ने एक सप्ताह पहले अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेस कर जो कहा था, उससे सभी हैरान रह गए थे। उमा ने भावुक होकर कहा था कि ये मेरी अंतिम विदाई है। वे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान आयोध्या में रहेंगी। इसके बाद वे अपने गांव लौट जाएंगी और फिर वहीं रहेंगी। गौरतलब है कि उमा भारती टीकमगढ़ जिले के डूडा गांव की रहने वाली हैं। इसी गांव में उनका जन्म भी हुआ था। कक्षा-6 तक पढ़ी उमा भारती बचपन से ही साध्वी के वेश में रह रही हैं। और बाबरी विध्वंस कांड में भी उमा भारती काफी सक्रिय रही हैं।