सोनकच्छ से पांच किमी दूर ग्राम कुमारिया राव में फसल के बीच बिजली के पोल लगाने को लेकर किसान और तहसीलदार अंजली गुप्ता आमने-सामने हो गए। इस दौरान किसान के बेटे ने अंग्रेजी में ‘यू आर रिस्पॉन्सिबल’ कहा तो तहसीलदार अंजली गुप्ता भड़क उठीं। कहा- चूजे हैं ये अंडे से निकले नहीं, बड़ी-बड़ी मरने-मारने की बात करते है। अभी तक आराम से बात कर रही थी। आज इसने कैसे बोल दिया। मैं कैसे रिस्पॉन्सिबल हूं? क्या मैंने बोला एमपीपीटीएल को। मैं तहसीलदार हूं। शासन को आपने चुना…। इस बीच वीडियो बना रहे व्यक्ति के हाथ से फोन लेकर उन्होंने वीडियो डिलीट करवाया। ग्रामीणों और परिजनों ने माफी भी मांगी। मामला 11 जनवरी का है। घटना का वीडियो सोमवार को वायरल हुआ। सीएम डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर कलेक्टर ने तहसीलदार को जिला मुख्यालय में अटैच कर दिया। दरअसल, चौबाराधीरा से सोनकच्छ तक 132 केवी लाइन के तार लगाए जा रहे हैं।
सात जनवरी को पोल लगाने के लिए एमपीपीटीएल कंपनी के कर्मचारी गए तो किसान दिनेश जाट व परिजन ने यह कहकर मना कर दिया कि खेतों में फसल खड़ी है। इस पर तहसीलदार अंजलि ने बाद में पोल लगाने को कहा था। इसके बाद एमपीपीटीएल के कर्मचारियों ने कलेक्टर ऋषभ गुप्ता से मुलाकात की और उन्हें अपनी परेशानी बताई। इस पर कलेक्टर ने तहसीलदार को मौके पर जाकर वास्तुस्थिति जाने के आदेश दिए। उनके आदेश के बाद ही तहसीलदार अंजलि गुप्ता मौके पर पहुंचीं। वहां किसानों से बातचीत के दौरान उन्होंने अपना आपा खो दिया।
सीएम ने चेताया
सीएम ने कहा है कि अधिकारी आम लोगों के साथ सभ्य और शालीन भाषा का इस्तेमाल करें। अभद्र भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुशासन हमारी सरकार का मूल मंत्र है। गौरतलब है कि इससे पहले हिट एंड रन कानून के नए प्रावधानों से खफा जब बस-ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर थे तब शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल ने ड्राइवरों से कहा था कि तु्हारी औकात क्या है। इस पर कलेक्टर को तीन जनवरी को हटाया जा चुका है।
समझाइश दे रही थी
विवाद जैसी कोई बात नहीं है। किसान के बेटे ने कुछ अपशब्द कहे थे, जिसे मैं समझाइश दे रही थी। इस मामले में किसानों और कंपनी के बीच टावर लगाने को लेकर सहमति हो चुकी है।
-अंजली गुप्ता, तहसीलदार