मध्यप्रदेश में मुखिया बदलने के बाद अब अब वीआईपी श्रेणी की लिस्ट भी बदल गई है। पहले नंबर वन वीआईपी की कैटेगरी में आने वाले शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) अब पांचवें पायदान पर रखे गए हैं। हालांकि वीआईपी की श्रेणी में शिवराज सिंह चौहान अब भी ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) सहित केंद्रीय मंत्रियों से भी ऊपर रहेंगे।
भोपाल कमिश्नरेट की इंटेलिजेंस शाखा में अब नंबर एक पर शिवराज सिंह चौहान के स्थान पर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव (dr mohan yadav) रखे गए हैं। सीएम होने के कारण मोहन यादव को जेड प्लस श्रेणी की सिक्योरिटी दी गई है। इसी प्रकार पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान वीआईपी कैटेगरी में पांचवें नंबर पर हैं। वहीं पूर्व सीएम होने के कारण शिवराज सिंह चौहान को जेड प्लस श्रेणी की सिक्योरिटी दी गई है। पुलिस प्रशासन के वायरलेस सेट पर अब उनका कॉल भी बदल गया है। वे वीआईपी नंबर 5 कहकर पुकारे जाएंगे। यानी जब भी शिवराज सिंह चौहान का कारकेड किसी रास्ते पर जाएगा या आएगा तो पुलिस प्रशासन वायरलेस सेट पर वीआईपी 5 के आने-जाने का संदेश देगा।
सिंधिया 6वें नंबर के वीआईपी
भोपाल के डीसीपी इंटेलिजेंस संजय अग्रवाल ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। नई लिस्ट के मुताबिक 15 वीआईपी की लिस्ट में नं. 1 पर डॉ. मोहन यादव, वीआईपी नं. 2 डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, वीआईपी नं. 3 पर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला होंगे। वहीं वीआईपी नं. 5 पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को दिया गया है। इनके बाद वीआईपी नं. 6 पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीआईपी नं. 7 पर पूर्व कमलनाथ, वीआईपी नं. 8 पर पूर्व उमा भारती, वीआईपी नं. 9 पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर रखा गया है। वीआईपी नंबर 4 और 10 से 14 तक के नंबर रिजर्व रखे गए हैं। इसका मतलब यह है कि बाहर से कोई वीआईपी आता है तो उन्हें यह कॉल साइन दिए जाते हैं।
सुरक्षा की कैटेगरी भी दी गई
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को जेड-प्लस सुरक्षा दी गई है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को जेड दी गई है। वहीं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के पास वाई कैटेगरी की सुरक्षा है। डीजीपी सुधीर सक्सेना वीआईपी-15 नंबर पर हैं।
क्या होती है जेड प्लस सिक्योरिटी
जेड प्लस सिक्योरिटी अधिकतर केंद्र सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, सुप्रोम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज, मशहूर राजनेता और बड़े ब्यूरोक्रेट्स को दी जाती है। इसमें 36 सिक्योरिटी गार्ड 24 घंटे तैनात रहते हैं। इसमें एनएसजी के 10 कमांडोज भी शामिल रहते हैं। इन कमांडोज को अत्याधुनिक हथियारों के साथ तैनात किया जाता है। इसमें तीन घेरे में सिक्योरिटी की जाती है। पहले घेरे में एनएसजी सिक्योरिटी में होते हैं, इसके बाद एसपीजी के अधिकारी तैनात होते हैं और इसके साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी सिक्योरिटी घेरे में शामिल होते हैं।
कौन देता है यह सिक्योरिटी
भारत में वीवीआईपी लोगों को अलग-अलग कैटेगरी में सिक्योरिटी दी जाती है। इसमें एसपीजी, एनएसजी, आईटीबीपी और सीआरपीएफ जैसी एजेंसियां शामिल है। इसे लेने के लिए सरकार को एप्लीकेशन देनी होती है। इसके बाद खुफिया एजेंसी व्यक्ति को होने वाले खतरे का अंदाजा लगाती है और उसके बाद ही सुरक्षा तय करती है। गृह सचिव और डायरेक्टर जनल और मुख्य सचिव की कमेटी तय करती है कि किस व्यक्ति को कौन सी सिक्योरिटी देना चाहिए।