Saturday, October 18

भारत में अंधेपन के कारण हर साल 2.25 लाख करोड़ का नुकसान, पहले नंबर पर चीन

भारतीय अर्थव्यवस्था को अंधेपन के कारण हर साल करीब 2.25 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। देश में अगर नेत्र स्वास्थ्य की व्यवस्था बेहतर हो तो इस पर काबू पाया जा सकता है। यह खुलासा हाल ही में इंटरनेशल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (आइएपीबी) और जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से किए अध्ययन में हुआ है। वैश्विक अध्ययन में शामिल प्रोफेसर केविन फ्रिक ने बताया कि दुनिया में 50 से 65 आयु वर्ग के लोगों के बीच मोतियाबिंद और कमजोर दृष्टि के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान की गणना की। इस सूची में सबसे ऊपर चीन का नाम था।

चीन में हर साल 7.99 लाख करोड़ का नुकसान
चीन को अंधेपन के कारण प्रतिवर्ष करीब 7.99 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होता है। वहीं अमरीका का आंकड़ा करीब 4.16 लाख करोड़ प्रतिवर्ष है। 12 अक्टूबर को विश्व दृष्टि दिवस पर वैश्विक स्तर पर जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में 7 करोड़ लोग ओर दुनिया में 110 करोड़ से अधिक लोग अंधेपन से प्रभावित है। खास बात है कि इन लोगों में 30 फीसदी लोग बेरोजगार है।

90 फीसदी को बचाना संभव

आइएपीबी लंदन स्थित संगठनों का एक वैश्विक गठबंधन है। यह संगठन अंधेपन और दृष्टि हानि के उन्मूलन की दिशा में काम कर रहा है। अध्ययन में बताया गया कि इस अंधेपन की समस्या से 90 फीसदी लोगों को समय पर उपचार मुहैया कराकर बचाया जा सकता है। संगठन के सीईओ पीटर हॉलैंड का कहना है कि आंखों की रोशनी जीविकोपार्जन की हमारी क्षमता के केेद्र में हैं। इसका व्यावसायिक और व्यक्तिगत जीवन पर गहरा असर पड़ता है।