Monday, October 20

नेपाली बनकर भारत आ रहे चीन के एजेंट, इन शहरों पर मंडरा रहा है खतरा

भारतीय खुफिया एजेंसियों की तेज नजर और ताबड़तोड़ कार्रवाई से बचने के लिए चीन ने नई चाल चली है। पता चला है कि चीनी खुफिया एजेंसी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (एमएसएस) अब चीनी नागरिकों को नेपाली बनाकर भारत के विभिन्न शहरों में भेज रही है।

उनके निशाने पर पुणे, नागपुर, जयपुर, जोधपुर, जैसेलमेर, ईटानगर, इंफाल, गंगटोक, दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर सहित कई सामरिक महत्व वाले शहर शामिल हैं। चीनी विशुद्ध नेपाली नागरिक बनने के लिए नेपाली लड़कियों से शादी भी कर रहे हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने आंतरिक सुरक्षा चेतावनी जारी की है।

रॉ ने जारी किया आंतरिक सुरक्षा का जारी किया अलर्ट

जानकार सूत्रों के अनुसार रॉ ने चेतावनी में कहा है कि चीनी अब अपने एजेंटस को नेपाली नागरिक को शक्ल देकर जासूसी के लिए भारत भेज रहे हैं। वे कुछ दिन नेपाल में रहते हैं और फिर तमाम कागजात लेकर नेपाली पासपोर्ट हासिल कर रहे हैं। इनके नैन, नक्श और शक्ल में ज्यादा अंतर नहीं होता है। ऐसे में यह बड़ी आसानी से भारत के तमाम हिस्सों में नेपाली नागरिक रूप में बस रहे हैं। इससे बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।

पूर्वोत्तर राज्यों से भी कर रहे प्रवेश

भारतीय सेना के खुफिया विभाग में रह चुके एक अधिकारी की मानें तो नेपाल के साथ साथ चीनी पूर्वोत्तर में बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं। यह पहाड़ी जैसे दिखते हैं। चीनी, नेपाली और पूर्वोत्तर राज्यों के लोग मंगोलियन से मिलते जुलते हैं। यह आम नागरिकों में ऐसा घुलमिल जाते हैं कि इनकी पहचान कर पाना बहुत मुश्किल काम है।

एमएसएस अन्य देशों की खुफिया एजेंसी की तरह काम नहीं करती है। इनके निशाने पर वैचारिक, वैज्ञानिक और थिंक टैंक के लोग होते हैं। फिर धीरे धीरे अपने नापाक इरादों का खेल शुरू कर देते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि नेपाली पासपोर्ट पर चीनी नागरिक की पहचान कर पाना आसान काम नहीं है। भारत नेपाल का संबंध रोटी बेटी का है। कई जगहों पर बॉर्डर भी खुले हुए हैं। इन हालात में हर नेपाली नागरिक की सख्ती से जांच हो सके, यह बहुत मुश्किल काम है।

कंपनी के माध्यम से जासूसी का यह उनका पुराना तरीका

एमएसएस कंपनी के माध्यम से जासूसी करती है। फिर चाहे वह अमरीका हो या भारत। अमरीका में हुवाई कंपनी की कई लड़कियां चीनी एजेंट के रूप में काम करती पकड़ी जा चुकी हैं। भारत में भी चीनी कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई हुई है।

लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा का कहना है कि भारत के पूर्वोत्तर से लेकर हिमाचल प्रदेश तक अब तक ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिससे यह साबित हो चुका है कि चीनी अवैध रूप से भारत में घुसना चाहते हैं। यहां तक कि स्वयं को फर्जी कागजात के सहारे नेपाली नागरिक भी साबित करते हैं. यह बेहद संदेहास्पद है और किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है।