Saturday, September 27

जिस्म की मंडी में नीलाम होता हुस्न

johnbuchanan

रांची। हम जिस सदी से गुजर रहे हैं, उसके बारे में शोर है कि नए और आधुनिक न्यायप्रिय मूल्य बड़ी तेजी से बन रहे हैं। सभ्यता का बर्बर समय हमने काफी पीछे छोड़ दिया है। लेकिन सच ये है कि यह शोर झूठा है। हमारी इसी सदी में गुलाम बनाए जाते हैं। उनका मोल लगाया जाता है।
झारखंड की कई ऐसी बेटियां हैं जिन्हेें महानगरों में खरीदा जाता है उसकी कीमत तय की जाती है। इसके बाद वह बस उपयोग की चीज रह जाती है। कई तो उस दलदल में ऐसी फंसती है कि फिर उनका निकलना नहीं हो पाता। हालांकि कुछ बच कर बाहर आती हैं। तो अपनी आपबीती के जरिए सभ्यता के चेहरे पर से झूठ का नकाब उतारने की कोशिश भी करती हैं। झारखंड की पारो की कहानी शरतचन्द्र की पारो से बिलकुल अलग है।
झारखंड की पारो देवदास की दीवानी नहीं बल्कि ठगी की शिकार है। एक ओर जहां पंजाब, हरियाणा के अधेड़ अपने वंश को बढ़ाने के लिए शादी के नाम पर झारखंड की गरीब लड़कियों को खरीद कर ले जाते हैं वहीं कई दलाल भोली लड़कियों को बहला कर दिल्ली जैसी बड़े शहरों में उसे बेच देते हैं और अपने मकसद में कामयाब होने के बाद उन्हें जिल्लत की जिंदगी जीने को छोड़ देते हैं। रांची की रहने वाली सुषमा इसकी शिकार हुर्इं हैं।
कभी नटखट रहने वाली उसकी आंखे आज खामोश हैं लेकिन सालों पहले तक उसकी जिंदगी भी आम लड़कियों की तरह खुशहाल हुआ करती थी। घर में प्यार करने वाली मां के अलावा एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार उसका पापा और भाई थे। घर-घर जा कर झाडू-पोछा का काम कर भी वो बहुत खुश थी। लेकिन कुछ पैसों की लालच ने उसकी जिंदगी को बदल डाला और उसे ऐसे नरक में पहुंचा दिया जहां जाकर उसकी जिंदगी ही बदल गई। उसके साथ काम करने वाली रीता और सुरिया ने कहा कि अगर ज्यादा पैसा कमाना है तो काम करने के लिए दिल्ली चलो।
सुषमा दोनों के झांसे में आ गई। रांची से दिल्ली जाने वाली ट्रेन मे ंसवार हो गई। दिल्ली पहुंचने के बाद सुषमा को वहां से जबरन हरियाणा के अलीगढ़ नाम के कस्बे ले जाया गया। वहां उसकी शादी एक 50 साल के अधेड़ के साथ जबरदस्ती करा दी गई। शादी के बाद उसके साथ जो कुछ भी हुआ उसे सुरकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। रोज-रोज उसके साथ जानवरों जैसा सलूक किया जाने लगा। घर के सारे मर्द उससे अपनी वासना बुझाते थे और उसके बाद उसे जमकर पीटते थे। यहां तक की उसे रस्सी से बांध कर लटकाकर फिर पीटा जाता था। इस दौरान वो गर्भवती भी हुई लेकिन एक दिन उसे वहां से भागने का रास्ता मिल गया और वह भाग निकली। सुषमा बताती हैं कि उसकी जैसी कई और लड़कियां वहां बंधक बनी हुई है।