Sunday, October 19

जिन्ना भी ‘इंडिया’ नाम के खिलाफ थे, भारत विवाद पर शशि थरूर ने बीजेपी को घेरा

संसद के विशेष सत्र के दौरान ‘India’ का नाम ‘भारत’ किए जाने की अटकलें हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस मसले पर विरोध और समर्थन के सुर साथ सुनाई दे रहे हैं। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना कर रही है तो दूसरी ओर तमाम हिंदू संगठन सरकार से देश का नाम ‘भारत’ करने का अपील कर रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि संसद के आगामी विशेष सत्र (18-22 सितंबर) के दौरान सरकार संविधान संशोधन विधेयक पेश कर सकती है। अब इस मामले पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा- ‘मोहम्मद अली जिन्ना भी इंडिया नाम का विरोध करते थे, भाजपा भी वही कर रही है।’ शशि थरूर ने आगे कहा- इंडिया को ‘भारत’ कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि ‘इंडिया’ को पूरी तरह से त्याग दे, जिसकी बड़ी ब्रांड वैल्यू है।

G20 के निमंत्रण पत्र पर भी भारत दर्ज
राष्ट्रपति भवन में G20 समिट के दौरान 9 सितंबर को डिनर का आयोजन किया जाना है, इस डिनर का आमंत्रण ‘भारत के राष्ट्रपति’ (President of Bharat) के नाम से भेजा है। जबकि इससे पहले किसी भी पत्र या सूचना में President of India प्रयोग किया जाता रहा है। इस बात की जानकारी कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने दी। कांग्रेस सांसद जयराम ने लिखा , “तो ये खबर वाकई सच है… राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को G20 रात्रिभोज के लिए सामान्य ‘President of India’ के बजाय ‘भारत के राष्ट्रपति’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है।

RSS चीफ भी कर चुके हैं पैरवी
RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत भी देश का नाम भारत करने की पैरवी कर चुके हैं। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था, ‘हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है। भाषा कोई भी हो, नाम एक ही रहता है। हमारा देश भारत है और हमें सभी व्यवहारिक क्षेत्रों में इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद करके भारत शब्द का इस्तेमाल शुरू करना होगा, तभी बदलाव आएगा। हमें अपने देश को भारत कहना होगा और दूसरों को भी यही समझाना होगा।’