Sunday, October 19

फिर बढ़ा लंपी वायरस, भोपाल में 32 केस, जानिए इंसान को कितना खतरा

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बार फिर लंपी वायरल का कहर देखने को मिल सकता है। शहरी इलाकों में कई गोवंश संक्रमित पाए गए हैं। एक सप्ताह में ही 32 केस लंपी वायरस के मिले हैं। तीन पशुओं की हालत गंभीर हो गई है। प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।

भोपाल में एक बार फिर लंपी वायरस के 32 केस मिलने से इसके संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। कई गोवंश की जांच की गई, जिसमें से 11 आवारा गोवंश को पशु आश्रय स्थल में रखा गया है। कई पशु उनके मालिकों के पास ही हैं जिनसे भी खतरा बढ़ गया है। तीन पशुओं की हालत गंभीर बनी हुई है।

पशु चिकित्सा सेवा के उप संचालक डॉ. अजय रामटेके ने मीडिया को बताया कि सभी 32 गोवंश शहरी क्षेत्र के हैं। छोला, गांधीनगर, माता मंदिर, करोंद, भदभदा और हथाईखेड़ा सहित कई जगहों से संक्रमित गोवंश ट्रेस किए गए हैं। ग्रामीण इलाकों सहित भोपाल जिले के बैरसिया तक यह बीमारी फैल गई है। प्रशासन ने सभी पशु पालकों को अलर्ट रहने को कहा है।

जहांगीराबाद के आसरा पशु आश्रय स्थल में क्वारंटीन रखे गए 11 गोवंशों में 6 बछड़े शामिल हैं। आसरा पशु आश्रय स्थल की नोडल अधिकारी डा. सुनीला सरन के मुताबिक नगर निगम ने लंबी वायरस से संक्रमित 11 गोवंश को इलाज के लिए भर्ती कराया है। इनको सामान्य पशुओं से अलग रखा गया है। इन्हें एंटी पायटिक और एंटी बैक्टीरियल दवा दी जा रही है।

कैसे फैलता है लंपी वायरस
चिकित्सकों के मुताबिक पशुओं के ब्लड सैंपल को लैब में भेजा जाता है। दो से तीन दिन में सैंपल की रिपोर्ट आती है। जिन पशुओं की रिपोर्ट पाजीटिव आती है उन्हें क्वरंटीन कर इलाज शुरू कर दिया जाता है। डॉक्टरों ने बताया कि यह वायरस पशुओं में एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है। यही कारण है कि संक्रमित और स्वस्थ गोवंश को दूर-दूर रखा जाता है।

इंसानों को खतरा नहीं
लंबी वायरस से इंसानों को कोई खतरा हीं होता है। यह बीमारी सिर्फ जानवरों में ही फैलती है। इस वायरस से ग्रस्त जानवरों को बुखार आता है। वह सुस्त हो जाते हैं। पैरों में सूजन आ जाती है। मुंह से लगातार लार निकलने लगती है। शरीर में लाल गठानें हो जाती हैं। पूरे शरीर में छेद दिखने लगते हैं। जानवरों को दूध या तो कम हो जाता है या दूध देना बंद हो जाता है। मच्छर या मक्खी से दूसरी जानवर तक यह वायरस फैल जाता है।