लटेरी। करीबी ग्राम महावन के एक गरीब किसान को रोजगार गारंटी योजना के तहत कुए का निर्माण कराना महंगा पड़ गया। मंजूरी के दो साल बाद भी निर्माण की राशि नहीं मिलने पर किसान को अपनी जमीन गिरवी रखकर मजदूरों का भुगतान करना पड़ा। पीडि़त किसान आज भी कुए की राशि लेने दफ्तरों के चक्कर काट रहा है।
ग्राम पंचायत महावन निवासी भूरा ने बताया कि दो साल पहले उसने सरपंच और सचिव के कहने पर रोजगार गारंटी योजना के तहत खेत में कुआ खुदवाया था। इसके लिए जनपद पंचायत से 1 लाख 95 हजार 760 रूपए की राशि मंजूर हुई थी। योजना के प्रावधान के अनुसार कुए के निर्माण के साथ ही यह राशि उसे किश्तों के रूप में मिलना थी।
लेना पड़ा कर्जउसके मुताबिक उसने खेत में कुआ खुदवा लिया, लेकिन उसे एक भी किश्त नहीं मिली। जबकि निर्माण पर करीब 60 हजार रूपए उसने अपनी जमापंजी में से खर्च कर दिए, लेकिन मजदूरों का भुगतान करने के लिए उसके पास 30 हजार रूपए नहीं थे। इसके चलते मजबूरी में उसे अपनी 5 बीघा जमीन गिरवी रखकर कर्ज लेना पड़ा। तब वह मजदूरों का भुगतान कर पाया। किसान के मुताबिक कुआ निर्माण की राशि को लेकर वह कई बार सरपंच और सचिव से मांग कर चुका, लेकिन वे टालामटोली करते रहे। भूरा के मुताबिक उसने जनपद कार्यालय में पूछताछ की तो उसे जानकारी मिली कि उसके कुए के लिए पहले ही राशि मंजूर हो चुकी थी। जिसमें सरपंच और सचिव 1 लाख 13 हजार 122 रूपए निकाल चुके हैं। भूरा का कहना है कि सरपंच और सचिव ने मजदूरों के खाते में भुगतान करना बताकर राशि हड़प ली। उसने कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और जनपद सीईओ से भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भूरा के मुताबिक उसने कुआ निर्माण का प्रकरण मंजूर कराने के लिए सरपंच और सचिव को 3 हजार रूपए की रिश्वत दी थी। तब उसका प्रकरण मंजूर हुआ था। इस संबंध में जनपद पंचायत सीईओ एसके मालवीय का कहना है कि वे मामले की जांच कराकर उचिव कार्रवाई करेंगे।