राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में बगावत के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। इस बीच उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर कर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली शिवसेना की टेंशन बढ़ा दी है। शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता मामले से जुड़े इस याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को नोटिस जारी किया है।
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) का आरोप है कि विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले में देरी कर रहे हैं। इसलिए उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि स्पीकर को इस मामले में तत्काल निर्णय लेने का आदेश दिया जाए।
शिवसेना (यूबीटी) के विधायक सुनील प्रभु (Sunil Prabhu) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को शिंदे नीत बागी खेमे के विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई है।
इस याचिका पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर को नोटिस भेजा है और दो हफ्ते के अंदर लिखित जवाब देने का निर्देश दिया है। याचिका में उद्धव ठाकरे गुट ने विधानसभा अध्यक्ष पर निष्क्रियता और पक्षपात करने का आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष का नतीजा 11 मई को आया था। तब सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने निर्णय सुनाते हुए कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ही एकनाथ शिंदे सहित 16 बागी शिवसेना विधायकों के भाग्य का फैसला करेंगे, जिन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
गौरतलब हो कि पिछले साल जून महीने में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था, जिस वजह से महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। एमवीए सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल थी। शिंदे के विद्रोह के बाद शिवसेना में विभाजन हो गया। जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 40 विधायकों (बागी) के समर्थन से बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई और खुद मुख्यमंत्री बने और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने।