बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव हुए। इस चुनाव के दौरान भी बंगाल की जमीन पर खूब बम गोले चले। इस हिंसा के दौरान करीब 20 लोगों की जान चली गई। बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा का प्रचलन कोई आज से नहीं है। इसका इतिहास देखे तो कम्युनिस्ट सरकार के दौर से दिखता है। लेकिन पूरे देश में हिंसा और गुडंई के लिए एक जमाने में जाने जाने वाला उत्तर प्रदेश अब काफी बदल चुका है। यहां पिछले कई सालों से चुनाव के दौरान व्यक्तिगत दुश्मनी को छोड़ दे तो चुनाव के दौरान कोई बड़ी दुर्घटना नहीं घटी है। जो कि पश्चिम बंगाल, केरल सहित कई राज्यों के लिए एक नायाब उदाहरण है।
कोरोना के समय प्रदेश में पंचायतीराज के चुनाव हो या उसी कालखंड के दौरान 2022 में विधानसभा चुनाव और 2023 में निकाय चुनाव किसी भी चुनाव में केंद्रीय सुरक्षा बलों को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी। पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हुए जबकि इस दौरान प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था प्रदेश की पुलिस के पास ही थी। जबकि पश्चिम बंगाल में हाईकोर्ट की सख्त नाराजगी और आदेश के बाद सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हुई हिंसा में एक दिन में करीब 20 से अधिक लोगों की जान चली गई। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद से लगभग 40 लोगों को जान गंवानी पड़ी है।वहीं यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 2019 लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक हुए सभी चुनाव बिना किसी बूथ कैपचरिंग, बिना किसी हिंसा और गोलीबारी के संपन्न होना नजीर बन गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में हुए पंचायत चुनाव में 75 जिलों में 2.02 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ था। यूपी में 12.43 करोड़ से अधिक मतदाता थे। वहीं पश्चिम बंगाल में 61, 636 मतदान केंद्रों पर जिला परिषद की 928, पंचायत समिति की 9730 और ग्राम पंचायत की 63,229 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं।
लोग कर रहे यूपी के कानून व्यवस्थ की तारीफ
देश में एक समय अपने हिंसा और गुंडागर्दी के लिए जाने जाने वाले यूपी में हाल ही में हुए निकाय चुनाव में एक भी सीट पर हिंसा की मामूली घटना नहीं हुई। इतना ही नहीं यूपी में कुंभ, राम मंदिर निर्माण के फैसले, अनेक पर्व-त्योहार पर कहीं भी हिंसा, तनाव या दंगा नहीं हुआ।
वहीं, देखा गया कि देश की राजधानी दिल्ली से लेकर बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार सहित कई राज्यों में रामनवमी के मौके पर पत्थरबाजी और आगजनी की घटना हुई। यूपी के बदले हुए कानून व्यवस्था की कईल बार प्रधानमंत्री मोदी से लेकर कई बड़ी हस्तियों ने तारीफ की। 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने में एक कारण यूपी की कानून व्यवस्था को ठीक करना भी था।