कर्नाटक में शनिवार को कांग्रेस की नई सरकार बन गई। इस सरकार के मुखिया सिद्धारमैया है, जिन्होंने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने दोपहर 12.30 बजे उन्हें पद की शपथ दिलाई। उनके बाद डीके शिवकुमार ने इकलौते डिप्टी CM के तौर पर शपथ ली। इन दोनों के अलावा डॉ जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, केजे जॉर्ज और एमबी पाटिल को कैबिनेट मंत्री और सतीश जारकीहोली, प्रियांक खरगे (मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे), रामालिंगा रेड्डी और जमीर अहमद खान ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। शपथ ग्रहण के दौरान ही राहुल गांधी ने बड़ी घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि एक-दो घंटे में कैबिनेट की पहली बैठक होगी, जिसमें हमारे पांचों वादे कानून बन जाएंगे।
हम झूठ वादे नहीं करतें, जो कहा वो पूरा करेंगेः राहुल
शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी ने कहा कि हम झूठे वादे नहीं करते हैं। कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार पहली कैबिनेट में 5 वादे पूरे करेगी। जो हम कहते हैं, वो हम कर दिखाते हैं। राहुल गांधी ने आगे कहा कि एक दो घंटे में कर्नाटक की नई सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक होगी। उसमें हमारे जो पांच वादे हैं वे कानून बन जाएंगे।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि हम जो कहते हैं हम कर दिखाते हैं। राहुल ने आगे कहा कि हमने यात्रा में कहा था नफरत को मिटाया और मोहब्बत जीती। नफरत के बाज़ार में कर्नाटक ने लाखों मोहब्बत की दुकानें खोली है। उन्होंने कर्नाटक की जीत के वहां की जनता को आभार किया
राहुल गांधी की इस घोषणा के बाद अब कांग्रेस के उन पांच वादों की चर्चा है। आइए जानते हैं कर्नाटक में कांग्रेस ने क्या पांच बड़े वायदें किए थे-
– विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने इन पांचों वायदों को पांच गारंटी के रूप में पेश किया था। राहुल गांधी सहित कांग्रेस के अन्य नेताओं ने हर चुनावी रैली में इन वायदों का जिक्र किया था। जिसका असर लोगों पर भी पड़ा।
कांग्रेस के पांच बड़े वायदे
1. 200 यूनिट तक बिजली फ्री
2. गरीब परिवार की मुखिया महिला को 2 हजार महीना
3. महिलाओं के लिए यातायात फ्री
4. बेरोजगारों को दो साल तक भत्ता – ग्रेजुएट को तीन हजार, डिप्लोमा को डेढ़ हजार
5. बीपीएल परिवारों को दस किलो चावल फ्री
युवा निधि योजनाः बेरोजगार ग्रेजुएट्स को हर महीने 3000 रुपए, डिप्लोमा वालों को हर महीने 1500 रुपए
इन पांचों योजनाओं को नियम बना कर कांग्रेस कर्नाटक की जनता से किए अपने वादे तो पूरा करेगी ही साथ ही पूरे देश में एक बड़ा संदेश भी देगी। अब देखना है कि इन पाचों वादों के लिए राज्य सरकार बजट की व्यव्सथा नहीं से करती है। क्योंकि इससे बजट पर भी अनावश्यक बोझ आएगा।