Monday, November 10

262 किमी की नई रेल लाइन- 1.5 घंटे में राजधानी पहुंचेंगे यात्री, किराया भी होगा 100 रुपए कम

ब्यावरा. मध्यप्रदेश में एक 262 किलोमीटर की नई रेल लाइन पर काम चल रहा है, इस रेल लाइन को 2024 तक पूरा करने का दावा रेलवे द्वारा किया जा रहा है, इस रेल लाइन के शुरू होने से न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि राजस्थान के यात्रियों का भी सफर भी आसान होने के साथ समय और पैसे की काफी बचत होगी। इसलिए इस रेल लाइन के शुरू होने का इंतजार लंबे समय से जिलेवासियों को है। आईये जानते हैं इस रेल लाइन के शुरू होने से क्या-क्या फायदा होगा।

डेढ़ घंटे में राजधानी पहुंच जाएंगे लोग

हम बात कर रहे हैं भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन की, ये रेल लाइन मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में राजगढ़, ब्यावरा, नरसिंहगढ़, कुरावर, श्यामपुर, दोराहा, मुबारकगंज, निशातपुरा होते हुए भोपाल पहुंचेगी, अभी ब्यावरा से भोपाल जाने के लिए लोगों के पास एक मात्र बस का सहारा है, बस से भोपाल जाने में यात्रियों को 3 से साढ़े तीन घंटे का टाइम लगता है, जबकि इस नई रेल लाइन के शुरू होने से महज 1.5 घंटे में ही यात्री ब्यावरा से भोपाल पहुंच जाएगा। ऐसे में सीधे 2 घंटे का समय बचेगा। वहीं दूसरी तरफ ये रेल लाइन राजगढ़ से खिलचीपुर होते हुए भोजपुर, घाटोली, इकलेरा, जूनाखेड़ा, झालरापाटन होते हुए रामगंजमंडी पहुंचेगी। इस कारण इस ट्रेन से मध्यप्रदेश सहित राजस्थान के यात्रियों को भी बहुत फायदा होगा।

100 से 150 रुपए कम लगेगा किराया
वर्तमान में राजगढ़ से भोपाल जाने में बस का किराया 180 से 190 रुपए लगता है, वहीं ब्यावरा से बस से भोपाल तक का किराया 150 रुपए है, ऐसे में राजगढ़ जिले से ट्रेन की सुविधा शुरू होने पर ट्रेन का किराया महज 70 से 80 रुपए होगा, जिससे यात्रियों को बस की अपेक्षा किराये में भी सीधे 100 रुपए की बचत होगी। इसलिए इस भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन की लंबे समय से डिमांड है।

नई रेल लाइन से होगा ये फायदा
-मध्यप्रदेश से राजस्थान के बीच की दूरी कम होगी।
-डेली अपडाउन करने वाले लोगों को बस की झंझट से मुक्ति मिलेगी।
-सफर आरामदायक होगा और बस की अपेक्षा ट्रेन में कम किराया लगेगा।
-डेली अपडाउन करने वाले यात्री व स्टूडेंट्स मासिक पास के माध्यम से सफर कर सकेंगे।
-ट्रेन का सम्पर्क सीधे राजधानी से होने के कारण जिले के लोकल उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा।
-व्यापार व्यवसाय बढ़ेगा।
-सरकारी काम से राजधानी भोपाल जानेवाले अधिकारियों कर्मचारियों को भी भोपाल पहुंचने में कम समय लगेगा।
-चूंकि राजगढ़ जिले में मेडिकल सुविधा भी कमजोर है, इस कारण जिले से अधिकतर लोग इलाज कराने भी भोपाल जाते हंै, उन्हें भी इस नई रेल लाइन से आवाजाही करने में समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
-जिले के सैंकड़ों स्टूडेंट्स भोपाल में विभिन्न विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें अभी आवाजाही करने में पैसा भी किराये के रूप में अधिक देना पड़ता है और समय भी अधिक लगता है। वह भी बचत होगी।

आईये जानते हैं क्या है इस रूट की स्थितिभोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन के काम मप्र की सीमा में भूमि अधिग्रहण के मामले सीहोर जिले में अटके हैं। वहीं, भोपाल की ओर से निशातपुरा स्टेशन के आस-पास से अतिक्रमण हटाना शुरू किया गया है। दरअसल, मप्र की सीमा में भले ही जगह-जगह काम चल रहे हो, लेकिन उनकी रफ्तार फिर भी धीमी है। इसी कारण रेलवे के दावे के अनुसार 2024 में पूरी तरह से ट्रैक चालू हो पाना मुश्किल लग रहा है।

यूं समझें प्रोजेक्ट की स्थिति…● भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा।● मप्र सीमा की ओर से अर्थवर्क और ट्रैक के लिए खुदाई का काम शुरू।

● राजगढ़ में स्टेशन के लिए कार्य हो रहा।