Sunday, November 9

तो क्या ब्रिटेन कोहिनूर पर अपना दावा छोड़ रहा है? क्योंकि… किंग चार्ल्स की ताजपोशी के दौरान क्वीन के मुकुट में नहीं होगा ये हीरा

ब्रिटेन (Britain) के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। ब्रिटेन के नए किंग चार्ल्स तृतीय (King Charles III) की ताजपोशी (Coronation) आज होगी। इस ताजपोशी के लिए आज लंदन (London) के वेस्टमिंस्टर एबे (Westminster Abbey) में एक भव्य समारोह का आयोजन होगा। इसमें हज़ारों मेहमान शामिल होंगे। साथ ही कई हॉलीवुड एक्ट्रेसेज़ और सिंगर्स इस समारोह में प्रस्तुति भी देंगे। कई देशों के बड़े राजनेता भी इस ताजपोशी समारोह में शामिल होंगे। इस ताजपोशी समारोह में ब्रिटिश किंग चार्ल्स तृतीय के साथ उनकी पत्नी और ब्रिटिश क्वीन कॉन्सोर्ट कैमिला (British Queen Consort Camilla) भी होगी। इस अवसर पर कैमिला जिस मुकुट को पहनेंगी उसमें कोहिनूर हीरे (Kohinoor Diamond) का इस्तेमाल नहीं होगा।

सालों पुरानी परम्परा होगी खत्म
कोहिनूर हीरे को 1849 में अंग्रेजो ने चुरा लिया था। अब 105 कैरेट का यह हीरा अंग्रेजो के पास आने से पहले 190 कैरेट का था। भारत से कोहिनूर हीरे को चुराने के बाद तत्कालीन ब्रिटिश क्वीन विक्टोरिया के मुकुट में कोहिनूर हीरे को जड़वाया गया था। उसके बाद से सभी ब्रिटिश क्वींस और क्वीन कॉन्सोर्ट्स के मुकुट में कोहिनूर हीरे का इस्तेमाल किया गया। पर सालों से चली आ रही इस परम्परा को अब खत्म किया गया है।

ब्रिटिश मीडिया के अनुसार यह फैसला राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए उठाया गया है और इसी वजह से नई ब्रिटिश क्वीन कॉन्सोर्ट कैमिला अपने मुकुट में कोहिनूर हीरे का इस्तेमाल नहीं करेंगी। कोहिनूर की जगह उनके मुकुट में कुलिनन हीरे जड़े होंगे, जिन्हें दक्षिण अफ्रीका से चुराया गया था।

क्या हो सकते हैं इसके मायने?
ब्रिटिश क्वीन कॉन्सोर्ट कैमिला के मुकुट में कोहिनूर हीरे के इस्तेमाल नहीं करने से भारत में कई लोगों में यह उम्मीद जाग गई कि यह कोहिनूर के भारत वापस आने का संकेत हो सकता है। हालांकि ब्रिटिश मीडिया के अनुसार ब्रिटिश राज परिवार कोहिनूर हीरे को भारत को वापस देने की इच्छा नहीं रखता। पर भारत दुनियाभर में मशहूर कोहिनूर हीरे को लंबे समय से वापस चाहता है।

दिसंबर 2022 में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा था कि भारतीय सरकार इस मामले के उचित समाधान का तरीका ढूंढना जारी रखेगी। पिछले साल ही भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने हैं। ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है भारतीय सरकार आने वाले समय में कोहिनूर को देश वापस लाने के प्रयास कर सकती है।