विदिशा। शहर में पूर्व वर्षों में लाखों रुपए सड़कों के चौड़ीकरण पर खर्च किए गए लेकिन लाखों की इन सड़कों का उपयोग पार्किंग के रूप में हो रहा है। हालत यह कि आवागमन को सुलभ बनाने के लिए यह सड़कें चौड़ी की गई थी लेकिन सड़कों के अधिकांश हिस्से में वाहनों की पार्किग हो रही है और आवागमन की समस्या वही मुश्किल भरी बनी हुई। नतीजा यह कि चौड़ी सड़कों पर भी वाहनों को रेंगना पड़ रहा है।
माधवगंज क्षेत्र
इस क्षेत्र से कुछ वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर पंकज जैन के प्रयास से वर्षों पुराने अतिक्रमण हटाए गए थे और इस मार्ग को काफी चौड़ा कर दिया गया था। इससे आवागमन भी सुलभ हुआ पर आवागमन में यह आसानी ज्यादा समय नहीं रही। वर्तमान में सड़क के चाौड़े हिस्से में कई चार पहिया वाहनों की पार्किंग होने लगी है। यहां तक कि यहां तक लोडिंग वाहन और ट्रक तक आकर खडे हो जाते हैं। इन हालातों में सड़क के चौड़ीकरण के लिए दिनरात एक किया और नतीजा सिफर रहा। अतिक्रमण से मुक्त सड़क का पूरा हिस्सा चार पहिया व दोपहिया वाहनों की पार्किग बने हुए हैं।
खरीफाटक मार्ग
यह मार्ग पहले से ही काफी चौड़ाई लिए हुए है, लेकिन इस सड़क पर भी वाहनों की पार्किग होती आ रही है। इस मार्ग के पास बनी एक बैंक के पास सड़क का 10 से 15 फीट तक का हिस्सा वाहन पार्किग के रूप में उपयोग में आ रहा है। इसी तरह इस मार्ग पर आरओबी के छोर के आसपास भी सड़क के काफी हिस्सेे में वाहनों की पार्किग होती है और इस मार्ग पर दिन में कई बार वाहनों को रेंगना पड़ता है। बार-बार जाम की नौबत बनती है। दुकानों के बोर्ड भी दुकान से पांच से छह फीट दूर रखने से भी सड़क अतिक्रमण की गिरफ्त में रहती है।
अस्पताल मार्ग
यह मार्ग भी प्रमुख मार्गों में से एक है, इस मार्ग पर रेलवे स्टेशन, क्लीनिक, नर्सिंग होम, सोनाग्रामफी, पेट्रोलपंप आदि प्रमुख संस्थान होने से वाहनों की अ धिक आवाजाही होती है, लेकिन इस सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में वाहन खड़े रहने से दो चार पहिया आमने सामने से नहीं निकल पाते और जाम की िस्थति बन जाती है। खासकर यहां एक होटल के समीप एवं नर्सिंग होम के पास दिन में कई बार जाम की नौबत बनती है और वाहन चालक परेशान होते रहते हैं।
इधर सड़क पर चौपाटी
सड़कों को वाहन पार्किग में अनदेखी यहां तक कि यहां एक सड़क ही चौपाटी बन चुकी है। गांधी प्रतिमा के सामने से यह सड़क ओवर ब्रिज के नीचे से निकालकर रविशंकर शुक्ल तिराहे से जोड़ी गई थी। इसके लिए ओवर ब्रिज के नीचे की तीन दुकानें तक तोडना पड़ी थी। इस नई सड़क को लेकर प्रशासन न नपा की मंशा यही थी कि चौराहे पर वाहनों का दबाव कम होगा, लेकिन यह सड़क शाम होते ही चौपाटी में बदल जाती है। चाऊमीन,डोसा, इडली के कई ठेले इस सड़क पर लगने से शाम के बाद इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन नहीं हो पाता।