पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में बीते दिनों चार जवानों की हत्या के मामले को बठिंडा पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। पंजाब पुलिस ने जवानों की हत्या के मामले में घटना के चश्मदीद गनर दिसाई मोहन को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने अपना गुनाह कबूल करते हुए खुलाया किया है कि उसने जवानों की गोलियां मारकर हत्या क्यों ली थी। बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत खुराना और मिलिट्री स्टेशन के अधिकारियों ने एक संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि आरोपी ने अपमान और उत्पीड़न का बदला लेने के लिए अपने सहयोगियों पर बंदूक तानने की बात कबूल की है।
हत्या के दो दिन पहले छिपाया था हथियार और गोला-बारूद
पुलिस अधीक्षक गुलनीत खुराना ने कहा कि चार सैनिकों के हाथों आरोपी को किस तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, इसकी पुष्टि करना अभी जल्दबाजी होगी। मोहन ने इंसास राइफल, 20 कारतूस और आठ एलएमजी की गोलियां चुराई थीं। उसने 12 अप्रैल की सुबह अपने सहयोगियों को निशाना बनाने से पहले दो दिनों के लिए सेना के अड्डे के एक सुनसान स्थान पर हथियार और गोला-बारूद छिपाए।
पुलिस ने परिसर के एक गड्ढे से राइफल और छह जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस दो एलएमजी गोलियों की तलाश कर रही है क्योंकि अपराध स्थल से 19 खोखे बरामद हुए हैं। मोहन रविवार को पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए गए चार जवानों में शामिल था।
इसलिए सार्थियों ली थी जान
बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत खुराना ने कहा कि जांच के दौरान मोहन ने कहा कि उसे बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा है। चार सैनिकों- सागर बन्ने, कमलेश आर, संतोष नागराल और योगेशकुमार जे की 12 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जब वे भारी सुरक्षा वाले सैन्य ठिकाने के ऑफिसर्स मेस के पास अपने कमरे में सो रहे थे। मृतक और आरोपी मेस में सहकर्मी थे।
वारदात के बाद बुनी झूठी कहानी
आरोपी ने एक कमरे में दो जवानों पर आठ गोलियां चलाईं। दूसरे कमरे में दो जवानों पर 11 गोलियां चलाईं। वारदात के बाद उसने झूठी कहानी बुनी। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी ने राइफल पानी के गड्ढे में फेंक दी थी। बचे हुए नौ कारतूस भी उसी गड्ढे में फेंक दिए। इसके अलावा आरोपी ने एलएमजी के आठ कारतूस भी चोरी किए थे।