विदिशा. कोरोना की तरह कुछ अन्य वायरस भी हैं जोकि बेहद खतरनाक होते हैं। इनसे ग्रस्त लोगों को उपचार की तुरंत जरूरत होती है, ऐसा ही एक रोग है जापानी बुखार जोकि प्राय: बच्चों को होता है। इसकी रोकथाम के लिए बच्चों को टीका लगाया जाता है।
पहले यह बीमारी यूपी, विशेषकर गोरखपुर में थी। मध्यप्रदेश में यह बीमारी पहले कभी नहीं रही, लेकिन प्रदेश के कुछ जिलों में इस बीमारी के मरीज सामने आए हैं। इसके बाद बच्चों को टीका लगाने पर जोर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इसके वायरस का ठहराव जलीय पक्षी, घोड़े में होता है और यह सीधे दिमाग पर अटैक करता है। इसमें मरीज को तुरंत उपचार की जरूरत होती है।
चिकित्सकों के अनुसार यह मच्छर जनित है बीमारी है और क्यूलेक्स मच्छर से होती है। यह गंदे पानी का मच्छर है जो धान के खेतों, तालाबों व नाले में पनपते हैं। इससे बच्चों को बचानेे के लिए जिले को जेई (जापानी इंसेफेलाटिस ) के 1 लाख 32 हजार डोज मिल चुके हैं। यह डोज सभी ब्लॉकों में पहुंचाए भी जा चुके हैं। सोमवार से वैक्सीनेशन का कार्य शुरू हो जाएगा।
पहले चरण में 1 से 5 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा और यह अभियान आंगनबाड़ी केंद्रों में चलेगा। इसके बाद स्कूलों में 6 से 15 वर्ष के बच्चों को यह टीके लगाए जाएंगे। जिले में कुल 3 लाख, 54 हजार बच्चों को यह डोज लगाए जाने का लक्ष्य है।
जिले में कुछ वर्षों के बीच अभी तक जापानी मस्तिष्क ज्वर के 8 प्रकरण आ चुके हैं। पहला प्रकरण शहर में पूरनपुरा में आया था। एक बच्ची की मौत हो गई थी। अन्य कुछ प्रकरणों में भी मौत होना मानी जा रही। टीकाकरण में जिले को प्राथमिकता में लिया गया है।