Tuesday, October 21

पाकिस्तान ने फिर छेड़ा कश्मीर का राग, विदेश मंत्री बोले- भारत-पाक में तब तक शांति नहीं जब तक कश्मीर मुद्दा का हल न हो जाए

गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का कश्मीर प्रेम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। संयुक्त राष्ट्र की मंच पर कई बार कश्मीर मसले को उठा कर पाकिस्तान को अपनी किरकिरी करानी पड़ी है। लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तान कश्मीर का राग नहीं छोड़ रहा है। अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के मंच पर फिर से कश्मीर की चर्चा की है। ओआईसी की मंच पर बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच तब तक कोई स्थायी शांति नहीं हो सकती, जब तक की कश्मीर मुद्दे का हल नहीं हो जाता। बिलावल ने कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में जनमत संग्रह कराने की मांग को फिर से दोहराया। साथ ही कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों की मदद करता रहेगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री के इस बयान से साफ स्पष्ट है कि निकट भविष्य में भारत-पाकिस्तान के रिश्ते में सुधार की गुजाइंश बहुत कम है।

पाकिस्तान कश्मीर के लोगों को देता रहेगा समर्थनः विदेश मंत्री-
ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के उद्घाटन सत्र में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तब तक कोई स्थायी शांति नहीं हो सकती है जब तक कश्मीर का मुद्दा हल नहीं हो जाता। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान और कश्मीर एक जैसे हैं। दोनों एक-दूसरे से भूगोल, आस्था और संस्कृति से जुड़े हैं। ऐसे में पाकिस्तान कश्मीर के लोगों को अपना समर्थन देता रहेगा।
संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग-

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक संकल्प अपनाया था कि जम्मू और कश्मीर के लोगों को संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में जनमत संग्रह के माध्यम से आत्मनिर्णय के अधिकार का प्रयोग करने का मौका मिलना चाहिए। भारत संयुक्त राष्ट्र के फैसले को लागू करने से पीछे हट गया। उसने धोखाधड़ी और ताकत का सहारा लिया था। लेकिन पाकिस्तान अब भी इस मांग पर अडिग है।

मुस्लिम बहुल देशों के सबसे बड़े संगठन में छेड़ा कश्मीर राग-
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कश्मीर पर यह राग जिस संगठन के मंच पर उठाया, वह इस समय दुनिया के मुस्लिम बहुल देशों का सबसे बड़ा संगठन है। इस्लामी सहयोग संगठन 1969 में स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है। संयुक्त राष्ट्र के बाद चार महाद्वीपों में फैले 57 राज्यों की सदस्यता वाला दूसरा सबसे बड़ा संगठन है। जिसमें 48 मुस्लिम बहुल देश शामिल हैं।

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मसले पर स्वीकारी थी हार-
पाकिस्तान के विदेश मंत्री भले ही कश्मीर मसले पर अपनी पुरानी मांग पर अडिग हो लेकिन यह भी सच है कि कुछ दिनों पहले ही बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के मुद्दे पर अपनी हार स्वीकार की थी। बिलावल ने माना था कि कश्मीर मुद्दे को पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में सही ढंग से उठाने में नाकाम रहा है। उन्होंने कहा था, इस्लामाबाद कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के केंद्र में लाने में असमर्थ रहा है और भारत की कूटनीति उसके प्रयासों को विफल करने में सक्षम है।