
जबलपुर. नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले में मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध प्रदेश के 165 नर्सिंग कॉलेज के संचालक और डुप्टीकेट फैकल्टी जांच कमेटी के सामने पेश होंगे। कमेटी नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़ा की तह तक जाने के लिए संचालक और डुप्लीकेट फैकल्टी से हर विषय पर बात करेगी। शपथ पत्र की भी जांच होगी।
कमेटी करेगी संचालकों से सवाल-जवाब
फर्जीवाड़ा प्रमाणित होने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन डुप्लीकेसी वाले कॉलेज के संचालक और फेकल्टी के विरुद्ध कार्रवाई करेगी। यह निर्णय गुरुवार को हुई कमेटी की पहली बैठक में लिया गया है। अब बारी-बारी से कॉलेज संचालकों को नोटिस देकर पेश होने कहा जाएगा।
जिम्मेदारों से मांगा था जवाब
नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। फर्जीवाड़े मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने रजिस्ट्रार के शपथ पत्र को झूठा बताते हुए कोर्ट में एक आवेदन पेश किया था। उसमें वर्ष 2022 में खोले गए 49 में से 10 नर्सिंग कॉलेजों का उदाहरण पेश करते हुए बताया गया था की नए खुले कॉलेजों में से कई के भवन, लैब और अन्य सुविधाएं संदिग्ध हैं।
ये हैं कमेटी में
यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल ने कमेटी गठित की है। कमेटी में नानाजी देशमुख वेटरनरी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. गोविंद मिश्रा, मेडिकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ पुष्पराज बघेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल की डीन डॉ. गीता गुईन, अधिवक्ता, डॉक्टर, व अन्य अधिकारी शामिल हैं।
