भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही बार्डर गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा मुक़ाबला इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला गया। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 9 विकेट से हरा सीरीज में जोरदार वापसी की है। ऑस्ट्रेलिया इस सीरीज के पहले दो मुक़ाबले हार गया था। ऐसे में यह मुक़ाबला उनके लिए करो या मारो था। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के फ़ाइनल में प्रवेश कर गया है।
इस मैच में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। मैथ्यू कुह्नेमैन की फिरकी के आगे भारतीय बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिये और मात्र 109 रनों पर सिमट गई। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने सलामी बल्लेबाज उस्मान ख़्वाजा के शानदार 60 रनों की मदद से 197 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 88 रनों की बढ़त हासिल की। यहां से भारत बैकफुट पर आ गया।
दूसरी पारी में भारतीय टीम मात्र 163 पर ढेर हो गई। चेतेश्वर पुजारा के शानदार अर्धशतक के बावजूद टीम इंडिया नाथन लियोन की फिरकी के सामने टिक नहीं सकी और ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। लियोन ने आठ विकेट हासिल किए। मिचेल स्टार्क और मैथ्यू कुहनमेन को एक-एक सफलता मिली। लियोन ने रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, रवींद्र जडेजा, केएस भरत, रविचंद्रन अश्विन, उमेश यादव और मोहम्मद सिराज को आउट किया।
अब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए मात्र 76 रनों की जरूरत थी। लक्ष्य का पीछा करने उतरी कंगारू टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। रविचंद्रन अश्विन ने भारतीय टीम को पहले ही ओवर में सफलता दिलाई। उन्होंने उस्मान ख्वाजा को दूसरी गेंद पर आउट कर दिया। अश्विन की गेंद ख्वाजा के बल्ले से लगकर केएस भरत के हाथों में चली गई। ख्वाजा खाता नहीं खोल पाए।
लेकिन ख्वाजा का विकेट गिरने के बाद मार्नश लाबुशेन और ट्रेविस हेड ने पारी को संभाल लिया। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 75 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को जीत दिला दी। हेड 53 गेंद पर छह चौके और एक सीख की मदद से 49 रन बनाए। वहीं लाबुशेन ने 58 गेंद पर 28 रनों की पारी खेली। इस हार के बाद भारत को डबल्यूटीसी के फ़ाइनल में पहुंचने के लिए इस सीरीज का आखिरी मुक़ाबला हर हाल में जीतना होगा।